बुडापेस्ट। हंगरी ने रूसी ऊर्जा कंपनी गजप्रोम के साथ नैचुरल गैस के अपने अग्रीमेंट को संशोधित करने की योजना बनाई है ताकि रूसी गैस का भुगतान रूबल में करने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मांग को पूरा किया जा सके। हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हंगरी की ऊर्जा कंपनियां एमवीएम, सीईई एनर्जी गजप्रॉमबैंक को गैस के लिए यूरो में बिल का भुगतान करेगी, जो भुगतान को रूबल में बदल देगा और उन्हें गैस प्रोवाइडर गजप्रोम एक्सपोर्ट में ट्रान्सफर कर देगा।
दरअसल, यूरोपीय संघ द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के बाद जवाबी कदम में पुतिन ने मांग की है कि देश रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान करें या उनकी आपूर्ति बंद होने का जोखिम उठाएं।
वहीं डेनमार्क के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सोमवार को कहा कि वह ‘‘आसपास के क्षेत्र में परमाणु दुर्घटना’’ की आशंका के मद्देनजर आयोडीन की 20 लाख गोलियां खरीदेगा। स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने ‘‘हमें दिखाया है कि तैयार रहना महत्वपूर्ण है और यूक्रेन में युद्ध ने दिखाया है कि दुनिया अप्रत्याशित है।’’ प्राधिकरण ने कहा कि उसकी सिफारिश डेनिस आपात प्रबंधन एजेंसी की सिफारिश और डेनमार्क में परमाणु घटना के जोखिम के आकलन पर आधारित है।
मोल्दोवा गणराज्य को सोमवार को लक्जमबर्ग में यूरोपीय आयोग से एक प्रश्नावली मिली, जिसमें यूरोपीय संघ का सदस्य बनने की उसकी तैयारी का आकलन किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रहा मोल्दोवा यूरोप का सबसे गरीब देश है जिसकी आबादी 26 लाख है। रोमानिया और यूक्रेन के बीच स्थित मोल्दोवा यूरोपीय संघ से जुड़ना चाहता है।
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