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King Charles: ब्रिटेन की राजनीति में कितना दखल दे सकते हैं महाराजा चार्ल्स, जानिए यूएई से लेकर स्वीडन का हाल

BRITAIN: महारानी के निधन के बाद चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटिश सम्राट की गद्दी अस्थिर वक्त में संभाली है। ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि राष्ट्रमंडल के बाकी हिस्सों में गणराज्यवाद में बढ़ोतरी हो रही है।

King Charles- India TV Hindi Image Source : AP King Charles

Highlights

  • महत्वपूर्ण मंत्रालय शाही परिवार के अन्य सदस्यों के पास होते हैं
  • राज्य मंत्री और सरकार की छह सदस्यीय परिषद द्वारा समर्थन दिया जाता है
  • स्वीडन की सेवा करने के लिए एक छोटा शाही परिवार है

King Charles: महारानी के निधन के बाद चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटिश सम्राट की गद्दी अस्थिर वक्त में संभाली है। ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि राष्ट्रमंडल के बाकी हिस्सों में गणराज्यवाद में बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच शाही परिवार के तीन सदस्यों ने व्यक्तिगत पसंद के कारण शाही कर्तव्यों से खुद को मुक्त कर लिया है। ड्यूक एंड डचेस ऑफ ससेक्स ने व्यक्तिगत पसंद की वजह से तथा प्रिंस एंड्रयू ने अपनी दिवंगत मां के आदेश से खुद को शाही कर्तव्यों से अलग किया है और इसके साथ ही ब्रिटेन में शाही परिदृश्य पहले ही बदल चुका है। इस बीच नये महाराजा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सिमटे शाही परिवार की परिकल्पना करते हैं।

राजशाही शायद ही कभी स्थिर होती है, और समय के साथ किसी भी सम्राट की भूमिका व्यापक संवैधानिक घटनाक्रमों के अनुकूल हो जाएगी। यह समझने के लिए कि आने वाले वर्षों में ब्रिटिश राजशाही से क्या उम्मीद की जाए, हम अन्य 43 देशों की राजशाही की समीक्षा करना चाहेंगे, जहां वर्तमान में राष्ट्र प्रमुख के रूप में एक सम्राट है। (इनमें से 15 ब्रिटिश राजशाही से सम्बद्ध हैं)। इन्हें चार वर्गों में बांटा जा सकता है: औपचारिक, संवैधानिक, मजबूत और निरपेक्ष। 

सिर्फ औपचारिक भूमिका निभाते है राजा 
औपचारिक सम्राट कुछ सम्राट पूरी तरह से औपचारिक भूमिका निभाते हैं, जिसमें सम्राट के लिए किसी भी प्रकार के निर्णय लेने की शक्ति की कोई गुंजाइश नहीं होती है। इन सम्राटों की भूमिका को अक्सर संविधान में कड़ाई से उल्लेखित किया जाता है और इनके निर्णय लेने के अधिकारों को सीमित करके रखा जाता है। इन राजाओं के पास अपने देशों के संविधानों के तहत काफी राजनीतिक शक्तियां होती हैं लेकिन व्यवहार में संवैधानिक परिपाटियों और अन्य नियमों ने औपचारिक रूप से सम्राट की भूमिका को काफी कम कर दिया है। ब्रिटेन में वर्तमान में यही व्यवस्था है, जहां कार्डिनल कन्वेंशन की आवश्यकता है कि सम्राट मंत्रियों की सलाह पर कार्य करते हैं लेकिन इससे परे सम्राट के पास कुछ प्रमुख (यद्यपि विवश) शक्तियां होती हैं, जिनका वे इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री की नियुक्ति कह सकते हैं।

सलमान ही करते हैं पूरे सऊदी को कंट्रोल 
राजशाही यह संवैधानिक राजतंत्रों का एक रूपांतरण है, जो आमतौर पर छोटे (या सूक्ष्म) देशों में पाया जाता है, जैसे- मोनाको और लिचेंस्टाइन। वहां संविधान सम्राट को महत्वपूर्ण शक्तियां प्रदान करता है, जिसका वे व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल करते हैं। मोनाको में कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल राजकुमार के सर्वोच्च अधिकार द्वारा किया जाता है, जिसे राज्य मंत्री और सरकार की छह सदस्यीय परिषद द्वारा समर्थन दिया जाता है, जो राजकुमार को सलाह देता है। पूर्ण राजशाही इनमें ओमान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), इस्वातिनी शामिल हैं, जिनमें ऐसे सम्राट हैं जो अपने राज के राजनीतिक जीवन पर हावी हैं। एक अन्य उदाहरण सऊदी अरब है, जहां सुलतान, सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद प्रधानमंत्री भी हैं और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं। परामर्शदात्री सभा कानूनों का प्रस्ताव कर सकती है लेकिन सुलतान यह निर्णय लेता है कि उन्हें शाही फरमान के रूप में अधिनियमित किया जाए या नहीं।

स्वीडन के राजा ने निकाल दिया इनकों
आमतौर पर सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय शाही परिवार के अन्य सदस्यों के पास होते हैं। स्लिमिंग डाउन अब सवाल यह है कि क्या विकासवादी प्रक्रिया समाप्त हो गई है। आखिर स्लिम्ड डाउन राजतंत्र क्या होता है, इसे जानने के लिए हमारा यूरोप की ओर देखना स्वाभाविक है। स्वीडन में राजा कार्ल गुस्ताफ ने अपने पांच पोते-पोतियों को शाही घर से निकाल दिया, जिसका अर्थ है कि उनसे शाही कर्तव्यों का पालन करने की उम्मीद नहीं की गई थी। कुछ हद तक यह ब्रिटेन में भी प्रिंस हैरी और प्रिंस एंड्रयू के सार्वजनिक जीवन से हटने के साथ पहले ही हो चुका है। समय के साथ यह संकट और भी आगे बढ़ सकता है। इसका अर्थ यह है कि भविष्य में शाही परिवार के कुनबे को कमतर रूप में देखा जा सकता है। इससे निराशा और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

स्पेन के शाही परिवार के लिए क्या है खतरा
ऐसी ही स्थिति स्पेन में चिंता का विषय भी है, जिसमें चार करोड़ 70 लाख लोगों के देश की सेवा करने के लिए एक छोटा शाही परिवार है, जिसमें राजा और रानी तथा उनकी दो युवा बेटियां शामिल हैं। जोखिम यह है कि राजशाही लंदन स्थित एक संस्थान में ऐसे समय में छटपटाती नजर आ रही है जब ब्रिटेन का राजनीतिक भूगोल अधिक बिखरा हुआ होता जा रहा है। ब्रिटेन चार देशों का एक संघ है, जिनमें से प्रत्येक का अपना राजनीतिक केंद्र है। ब्रिटेन के इतिहास में चार्ल्स तृतीय को सिंहासन पर बैठने के लिए किसी भी उत्तराधिकारी के तौर पर सबसे लंबा इंतजार करना पड़ा है। उनके पास इस बारे में गहराई से सोचने का समय है कि ब्रिटिश सार्वजनिक जीवन के केंद्र में एक औपचारिक संस्था के रूप में राजशाही को कैसे नये सिरे से तैयार किया जाए और इसके लिए सार्वजनिक समर्थन बनाये रखा जाये। 

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