अंग्रेजों से यहां भी आगे हिंदुस्तानी: ब्रिटिश संसद में दरार, गिर सकती है इमारत, भारत में बना नया पार्लियामेंट
भारत की नई और भव्य लेजिस्लेटिव बिल्डिंग बनकर तैयार है। वहीं दूसरी ओर अंग्रेजों की पार्लियामेंट की हालत जर्जर है। अंग्रेजों के देश की संसद की दीवारों में दरार है। छत से पानी टपकता है।
Central Vista Vs British Parliament: भारत में नया पार्लियामेंट बनकर तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन करेंगे। एक ओर भारत की नई और भव्य लेजिस्लेटिव बिल्डिंग 862 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार है। वहीं दूसरी ओर अंग्रेजों की पार्लियामेंट की हालत जर्जर है। अंग्रेजों के देश की संसद की दीवारों में दरार है। छत से पानी टपकता है। ब्रिटिश सांसदों ने तो यहां तक कह दिया है कि ब्रिटिश संसद की इमारत कभी भी गिर सकती है।
वैसे तो ब्रिटिश संसद का आर्किटेक्चर दुनियाभर में मशहूर है और इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा भी हासिल है। हर साल करीब 10 लाख लोग इस भव्य इमारत का दौरा करते हैं। हालांकि, ब्रिटिश सांसदों ने बुधवार को आगाह किया कि संसद भवन की दीवारों में पड़ी दरारें बढ़ रही हैं और उसकी छत से पानी भी टपक रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि आपदा की स्थिति में यह इमारत किसी भी समय ढह सकती है। हाउस ऑफ कॉमन्स एक एतिहासिक इमारत है लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद से इसके चाहने वाले काफी निराश हैं।
ब्रिटिश संसद की छत से टपकता है पानी
हाउस ऑफ कॉमन्स की लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ब्रिटिश संसद की छत से पानी टपक रहा है, उसकी दीवारें दरक रही हैं और इमारत के ढहने का खतरा लगातार बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मरम्मत कार्य काफी अरसे से लंबित है और इसे शुरू किए जाने से पहले ही ‘किसी आपदा के कारण इमारत के ढहने का खतरा वास्तविक है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है।’ समिति ने कहा कि 19 वीं सदी में निर्मित इस इमारत के नवीकरण का काम काफी धीमी गति से हो रहा है और ज्यादातर मरम्मत का काम हो रहा है, जिसपर तकरीबन 20 लाख पाउंड प्रति सप्ताह खर्च हो रहा है।
सर्दी के मौसम में फट जाते हैं पाइप
इस बीच बिल्डिंग और जर्जर हो गई। छत से पानी टपकता है और सर्दी के मौसम में पुराने भाप के पाइप फट जाते हैं। साथ ही दीवारों से भी प्लास्टर झड़ने लगा है। संसद का मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम आखिरी बार सन् 1940 के दशक में अपडेट किया गया था। हाउस ऑफ कॉमन्स कमेटी ने कहा है कि ढाई साल तक करीब 300 मजदूरों की मदद से इसकी मरम्मत हो सकेगी।
जहां एक ओर अंग्रेजों की पार्लियामेंट की इमारत जर्जर है, वहीं दूसरी ओर भारत का नया नवेला पार्लियामेंट बनकर तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को इस नए भव्य भवन का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी ने 28 मई को लोकार्पण के लिए स्वीकृति दी है। इसके साथ ही अब संसद को अपना नया भवन मिल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में इस नए नए संसद भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास किया था।
लोकसभा में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था
नए संसद भवन की लोकसभा में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। जबकि मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में अधिकतम 552 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। इस तरह आनेवाले दिनों जब सांसदों की संख्या बढ़ेगी तो दिक्त नहीं होगी। वहीं राज्यसभा का आकार भी बड़ा होगा। इसमें 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। मौजूदा राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने का इंतजाम है।
संयुक्त सत्र में 1272 लोग बैठ सकेंगे
नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। इसमें लोकसभा हॉल की डिजाइन कुछ ऐसी की गई है कि संसद के संयुक्त सत्र का आयोजन किया जा सकेगा। इस हॉल में 1272 लोग बैठ सकेंगे। अभी पुराने संसद भवन में सेंट्रल हॉल में 436 लोगों के बैठने की क्षमता है। ऐसे में संयुक्त सत्र के समय करीब दो सौ कुर्सियां अतिरिक्त लगानी पड़ती है।