कीव: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज सोमवार को आधिकारिक यात्रा पर यूक्रेन पहुंचे। कुछ सप्ताह पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत करने के लिए उनकी (शोल्ज की) आलोचना की थी। शोल्ज की यूक्रेन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया प्रशासन यूक्रेन को लेकर क्या रुख रखेगा। रिपब्लिकन नेता ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद इस संघर्ष को समाप्त कराने का वादा किया है।
जर्मनी नहीं देगा लंबी दूरी की मिसाइल
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता की पेशकश इस युद्ध की भयावहता को कम कर सकती है। शोल्ज की यात्रा, फरवरी में जर्मनी में होने वाले संभावित चुनाव से पहले हो रही है। चुनावी अभियान शुरू होने के साथ ही शोल्ज ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में जर्मनी की स्थिति साफ की है। साथ ही युद्ध को बढ़ने से रोकने के लिए अपनी ओर से प्रयास करने और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ‘टॉरस’ देने से इनकार करने पर भी प्रकाश डाला है।
'जर्मनी बना रहेगा यूक्रेन का समर्थक'
ओलाफ शोल्ज ने कहा कि, जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक में वह इस महीने अतिरिक्त सैन्य आपूर्ति की घोषणा करेंगे, जो बढ़कर 65 करोड़ यूरो का हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जर्मनी, यूरोप में यूक्रेन का सबसे मजबूत समर्थक बना रहेगा।’’ नवंबर में जेलेंस्की ने पुतिन से बात करने के लिए शोल्ज की आलोचना की थी, जो लगभग दो वर्षों में एक प्रमुख पश्चिमी शक्ति के मौजूदा नेता के साथ पहली बातचीत थी। (एपी)
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