फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता का एक बार फिर समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा और बहुपक्षीय सुधार के लिए नयी दिशा’ विषय पर खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस डी. रिविएरे ने कहा, ‘‘फ्रांस स्थायी सदस्यों के रूप में जर्मनी, ब्राजील, भारत और जापान की उम्मीदवारी का समर्थन करता है। वह स्थायी एवं गैर-स्थायी दोनों सदस्यों के बीच अफ्रीकी देशों की मजबूत उपस्थिति भी देखना चाहता है।’’ इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की।
रिविएरे ने कहा कि सुरक्षा परिषद हमेशा ‘‘हमारे सामूहिक सुरक्षा ढांचे का मुख्य आधार रहेगा।’’ ब्रिटेन के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली ने ‘‘इस सप्ताह सार्वजनिक रूप से यह बात दोहराई थी कि हम ब्राजील, जर्मनी, भारत तथा जापान की स्थायी सदस्यता और अफ्रीकी देशों की स्थायी उपस्थिति का समर्थन करते हैं।’’ वुडवर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया 1945 के मुकाबले अब काफी बदल गई है, जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी।
'इस मामले पर विचार करना उचित'
उन्होंने कहा, ‘‘यह उचित है कि हम इस बात पर विचार करें कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय व्यवस्था कैसे विकसित होनी चाहिए। जैसा कि बाकियों ने भी कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को आज दुनिया का अधिक प्रतिनिधित्व करने वाली निकाय होना चाहिए और ब्रिटेन लंबे समय से स्थायी और गैर स्थायी श्रेणियों में इसके विस्तार की मांग कर रहा है।’’ जयशंकर आतंकवाद रोधी और बहुपक्षीय सुधार से जुड़ी दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे।
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