पेरिस: फ्रांस के सर्वोच्च न्यायालय ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ ने अपील अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी को राष्ट्राध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। अदालत ने एक बयान में कहा कि दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा जाता है। सारकोजी (69) को एक वर्ष जेल की सजा हुई है। उनके पास घर पर नजरबंदी में रखने की मांग करने का अधिकार है जिस दौरान उन्हें ‘इलेक्ट्रॉनिक ब्रेसलेट’ लगाया जाएगा। ऐसा दो वर्ष या उससे कम की सजा वाले मामलों में होता है।
2007 से 2012 तक रहे फ्रांस के राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी 2021 में पेरिस की एक अदालत और 2023 में एक अपील अदालत द्वारा भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए गए थे। उन्होंने उस कानूनी मामले के बारे में जानकारी के बदले में एक मजिस्ट्रेट को रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसमें वह शामिल थे। सारकोजी 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे थे। फ्रांस के आधुनिक इतिहास में यह पहली बार है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को उसके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों के लिए दोषी ठहराया गया है और कारावास की सजा सुनाई गई है।
सरकोजी ने खुद को बताया बेकसूर
निकोलस सारकोजी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, “मैं अपनी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और सभी परिणामों का सामना करूंगा।’’ पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “मेरा शिकायत करने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन मैं अपने साथ हुए घोर अन्याय को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं।” सारकोजी ने कहा कि वह इस मामले को यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय में ले जाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि वह बेकसूर हैं। सारकोजी कई अन्य कानूनी मामलों में भी शामिल रहे हैं, उन्होंने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है। (एपी)
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