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पुतिन की बढ़ेगी टेंशन, यह पड़ोसी देश हुआ NATO में शामिल

फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद इसके सदस्य देशों की संख्या अब 31 हो गई है। फिनलैंड के नाटो का सदस्य बनने से रूस को बड़ा झटका यह लगेगा कि नाटो संगठन उसकी सीमा तक आ गया है।

NATO- India TV Hindi Image Source : NATO NATO

NATO: एकतरफ जहां रूस-यूक्रेन का एक साल से भी ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है तो वहीं अब रूस की टेंशन और भी बढ़ जाएगी। रूस के अन्य पड़ोसी देश ने नाटो की सदस्यता ले ली है। फिनलैंड भी अब नाटो का सदस्य बन गया है। फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद इसके सदस्य देशों की संख्या अब 31 हो गई है। फिनलैंड के नाटो का सदस्य बनने से रूस को बड़ा झटका यह लगेगा कि नाटो संगठन उसकी सीमा तक आ गया है।  

 

क्‍या है नाटो? 

NATO, जिसका पूरा नाम नॉर्थ अटलाटिंक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन है। यह वह संगठन है जो एक रक्षा गठबंधन के तौर पर काम करता है। साल 1949 में 12 देशों के साथ इसका गठन किया गया था, जिसमें अमेरिका, यूके, कनाडा और फ्रांस भी शामिल थे। इसमें शामिल देशों ने तय किया था कि किसी भी हमले की स्थिति में ये एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आएंगे।

सदस्य देशों की संख्या बढ़कर हुई 31 

फिनलैंड के शामिल होने के बाद नाटो में कुल 31 हो गई है। नाटो का हेडक्‍वार्टर ब्रसेल्‍स में है। सदस्‍य देशों में तुर्की भी अहम देश है। 6 फरवरी 2019 का मैसिडोनिया इसका नया सदस्‍य देश बना था। रूस हमेशा से कहता आया है कि इन देशों को नाटो की स्‍वीकार्यता मिलना उसकी सुरक्षा के लिए खतरा है। इसलिए उसने हमेशा यूक्रेन की सदस्‍यता का विरोध किया है। रूस को डर है कि अगर यूक्रेन ने नाटो की सदस्‍यता ले ली तो फिर वह उसकी सीमा पर कब्‍जा कर लेगा।

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