रूसी राष्ट्रपति पुतिन की कथित हत्या के प्रयास के मद्देनजर क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमले ने यूक्रेन पर भीषण पलटवार की आशंका बढ़ा दी है। इससे सिर्फ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ही नहीं, बल्कि पूरा यूरोपीय संघ घबरा गया है। अमेरिका भी रूस के पलटवार की आशंका को भांप चुका है। इसलिए वह रूस की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। यह तय माना जा रहा है कि क्रेमलिन पर हमला सीधे पुतिन पर हमला है और रूस इसका खतरनाक बदला लेगा। पुतिन के बदले की आहट से यूक्रेन की गलियों में अनहोनी के बादल छाने लगे हैं। क्या अब जेलेंस्की का साम्राज्य वाकई खत्म हो जाएगा, क्या अब यूक्रेन को पुतिन इतिहास बना देंगे। ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब वक्त के साथ मिलेंगे, लेकिन क्रेमलिन पर हमले ने दुनिया की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
अभी दो दिन पहले ही अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ने के लिए 30 करोड़ डॉलर के हथियार और गोला-बारूद समेत ड्रोन और आर्टिलरी वाहन देने का ऐलान किया था। यूरोपीय संघ ने भी यूक्रेन को टैंक, ड्रोन समेत अन्य युद्धक सामग्रियों की आपूर्ति को जारी रखा है। माना जा रहा है मकि इसके बाद ही जेलेंस्की ने क्रेमलिन पर हमले का खतरनाक फैसला लिया होगा। हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूसी राष्ट्रपति की हत्या के प्रयास और क्रेमलिन या मास्को पर हमले की बात से साफ इन्कार कर रहे हैं। मगर रूस को पता है कि यूक्रेन के अलावा यह हमला कोई और नहीं कर सकता। ऐसे में अब यूक्रेन पर भीषण पलटवार की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
क्या करेगा यूरोपीय संघ
क्रेमलिन के पलटवार की आशंकाओं के मद्देनजर यूरोपीय संघ ने यूक्रेन की मदद के लिए गोला-बारूद के उत्पादन में तेजी लाने का ऐलान किया है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डर लेयेन ने कहा है कि यूक्रेन को युद्ध के दौरान गोला-बारूद उत्पादन (एएसएपी) के लिए 1 अरब यूरो आवंटित किए गए हैं। ताकि उसे युद्धक सामग्रियों की कमी से नहीं जूझना पड़े। बताया जा रहा है कि इसके लिए आधा पैसा लीवरेज्ड फंडिंग से जुटाया जा रहा है और शेष राशि यूरोपीय संघ के सदस्य देश देंगे। यूरोपीय देशों ने इस बीच कहा है कि एएसएपी उस त्रि-आयामी योजना का हिस्सा है जिसके तहत यूक्रेन को गोला-बारूद की आपूर्ति करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि यूरोपीय संघ का अपना युद्धक भंडार भी कम न हो।
2025 तक यूक्रेन को गोला-बारूद मिसाइल मिलती रहेगी
यूरोपीय देश यूक्रेन को गोला-बारूद और मिसाइलों की कमी नहीं होने देना चाहते हैं और वह भी ऐसे वक्त में जब क्रेमलिन कीव पर भीषण पलटवार की योजना बना रहा हो। यूरोपीय संघ का यह अनुमोदन 2025 तक के लिए होगा। मतलब साफ है कि युद्ध यदि 2025 तक भी चला तो भी यूक्रेन को यूरोपीय संघ गोला-बारूद और मिसाइलों की आपूर्ति को जारी रखेंगे। ताकि वह रूस के सामने कमजोर न पड़े। मगर सवाल है कि यूक्रेन और जेलेंस्की कब तक रूस से विदेशी हथियारों के जरिये लड़ पाएंगे।
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