Britain: ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय की आज ताजपोशी हो रही है। इस ताजपोशी को लेकर कई पारंपरिक रस्में निभाई जाएंगी। इसके तहत लंदन के ऐतिहासिक शाही चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में इस पूरी शाही ताजपोशी को धार्मिक विधि विधान के साथ अंजाम दिया जा रहा है।समारोह के दौरान सम्राट चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला की ताजपोशी की जाएगी। इस पूरे ताजपोशी कार्यक्रम का नाम ‘ऑपरेशन गोल्डन ऑर्ब‘ रखा गया है।
ब्रिटेन की आधुनिक जनता के सामने यह पहला मौका है जब शताब्दियों पुरानी परंपरा के जीवंत दर्शन से वे रूबरू होंगे। आज के दौर में प्राचीन परंपरा के साथ चार्ल्स की ताजपोशी को देखना न सिर्फ ब्रिटेन की जनता, बल्कि दुनिया के लोगों के लिए भी कौतूहल रहेगा। यह परंपराएं वैसी ही हैं, जिनका राजा महाराजाओं, सम्राटों या परीकथाओं की कहानियों में जिक्र होता है।
एक शाही आसन के सामने खड़ा राजा, उसके ऊपर अभिमंत्रित जल-तेल का छिड़काव, कुछ शाही लेप लगाना और फिर हीरे-मोती जड़ा सोने का मुकुट पहनाया जाना। दुनिया के तमाम देशों में अब लोकतांत्रिक व्यवस्था है। राजा महाराजाओं का दौर आज के दौर में दुनिया से लगभग विदा हो चुका है। ऐसे में लंदन की शाही चर्च में होने वाली चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी कई मायनों में अहम है। इसलिए भी, सदियों पुरानी शाही वस्तुएं कई प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सामने आएंगी।
700 साल पुराना शाही सिंहासन
ताजपोशी के दौरान जो सबसे खास चीज नजर आएगी, वो है 700 साल पुराना ब्रिटेन का शाही सिंहासन। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय इस शाही गद्दी पर बैठेंगे। जिस पर 86 साल पहले उनके नाना जॉर्ज षष्टम अपनी ताजपोशी के दौरान विराजे थे। शाही परंपरा के अनुसार वैसे तो ताजपोशी की प्रक्रिया के दौरान कई चरण होते हैं। इनमें महाराजा को अलग अलग पारंपरिक गद्दियों व सिंहासनों पर विराजित किया जाता है।
ताजपोशी में 2500 करोड़ रुपए का खर्च
ब्रिटेन के महाराजा की ताजपोशी को लोग टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर पर देख सकेंगे। इस समारोह के लिए खासा खर्च किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस समारोह के आयोजन में लगभग 2500 करोड़ का खर्च आ रहा है।
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