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ब्रिटेन में जुलाई में होने वाले आम चुनाव से पहले अश्वेत महिला सांसद को लेकर विवाद, जानें पूरा मामला

ब्रिटेन में आम चुनाव से पहले देश की पहली अश्वेत महिला सांसद के फिर चुनाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद डायने एबॉट ने दावा किया है कि उन्हें नस्लभेद की वजह से इस बार टिकट नहीं दिए जाने की सूचना मिल रही है।

ब्रिटेन की संसद। - India TV Hindi Image Source : REUTERS ब्रिटेन की संसद।

लंदन:ब्रिटेन में जुलाई में होने जा रहे आम चुनाव से पहले एक अश्वेत महिला सांसद को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। बता दें कि विपक्षी लेबर पार्टी के भीतर बुधवार को तब विवाद पैदा हो गया जब आंतरिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद देश की पहली अश्वेत महिला सांसद की चुनावी संभावनाओं के बारे में परस्पर विरोधी बातें निकलकर सामने आईं। पूर्वी लंदन के हैकनी नॉर्थ और स्टोक न्यूइंगटन के लिए 1987 में पहली बार सांसद के रूप में चुनी गईं डायने एबॉट ने दावा किया कि उन्हें लेबर उम्मीदवार के रूप में सीट से फिर से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है।

यह घटनाक्रम विभिन्न समुदायों के नस्लवाद का सामना करने के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणियों की जांच के बाद इस सप्ताह उनका निलंबन रद्द किए जाने के पश्चात हुआ। एबॉट (70) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "उन सभी का धन्यवाद जिन्होंने मेरा समर्थन किया। मैं लेबर पार्टी की जीत के लिए प्रचार करूंगी। लेकिन मैं बहुत निराश हूं कि कई रिपोर्ट से पता चलता है कि मुझे उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।" पार्टी के भीतर उनके समर्थकों के गुस्से के बीच पत्रकारों ने लेबर नेता कीर स्टार्मर से पूछा कि क्या 70 वर्षीय सांसद को चार जुलाई के आम चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया है। स्टार्मर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नहीं, यह सच नहीं है। डायने एबॉट को प्रतिबंधित करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’

पीएम ऋषि सुनक ने विपक्ष पर उठाया सवाल

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी विवाद में शामिल हो गए और कहा कि विपक्ष को एबॉट से संबंधित मुद्दों को का समाधान करना चाहिए। लेबर पार्टी ने पिछले साल अप्रैल में तब एक जांच शुरू की थी जब एबॉट ने 'ऑब्जर्वर' अखबार में लिखा था कि ब्रिटेन में आयरिश, यहूदी और यात्रा पर आने वाले लोग "निस्संदेह पूर्वाग्रह का सामना करते हैं" जो "नस्लवाद के समान" है। एबॉट ने विवाद होने पर माफी मांग ली थी और प्रकाशित होने के तुरंत बाद अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी। (भाषा) 

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