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Hindi News विदेश यूरोप रूस पर प्रतिबंध के बाद क्या दुनिया तेल और गैस के बिना चल सकती है?

रूस पर प्रतिबंध के बाद क्या दुनिया तेल और गैस के बिना चल सकती है?

रूस और युक्रेन का यूद्ध जारी है। दोनों देशों की लड़ाई तकरीबन 100 दिन से अधिक हो गए हैं। इसका असर पूरे दुनिया में देखने को मिल रही है. खासतौर, यूरोपीय देशों पर इसका असर हुआ है।

sanctions on Russia- India TV Hindi Image Source : INDIA TV sanctions on Russia

Highlights

  • रूस सबसे अधिक गैस जर्मनी को बेचता है
  • रूस ने कहा कि अब रूबल में मिलेगी गैस
  • ब्रिटेन में गैस की कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं

रूस और यूक्रेन के बीच इस साल के फरवरी महीने से भीषण युद्ध जारी है। दोनों देशों की लड़ाई तकरीबन पांच महीने से अधिक हो गए हैं। इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है। खासतौर पर, यूरोपीय देशों पर इसका असर हुआ है। पिछले साल रूस ने यूरोप को लगभग 40 प्रतिशत प्राकृतिक गैस की सप्लाई की थी। रूस सबसे अधिक जर्मनी को गैस बेचता है। वहीं ब्रिटेन इसमें 4 प्रतिशत हिस्सा रखता था। ब्रिटेन में गैस की कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं। रूस अब तेल और गैस के व्यापार के लिए अपनी मुद्रा रूबल के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है। रूस का मानना है कि इससे उसकी मुद्रा मजबूत होगी और देश में हुए आर्थिक नुकसान से राहत मिलेगी। 

किन देशों में रूस कितनी गैस निर्यात करता है?

Image Source : IEAsanctions on Russia

IEA के द्वारा 2022 में जारी किए गए आकड़े के मुताबिक, रूस सबसे अधिक गैस जर्मनी को बेचता है। आपको बता दें, रूस ने जर्मनी को 2020 में तकरीबन 42.6 प्रतिशत गैस का निर्यात किया था। इसके बाद इटली रूस से गैस खरीदने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। रूस इटली को 29.2 प्रतिशत गैस की आपूर्ती करता है। वहीं बेलारूस तीसरे नंबर पर है और रूस से लगभग 18 प्रतिशत गैस खरीदता है। अब यूरोपीय संघ रूस पर प्रतिबंध के बाद तेल खरीदने का नया ठिकाना तालाश रहा है। यूरोपीय संघ का कहना है कि वह एक साल के भीतर रूस से गैस आयात में दो-तिहाई की कटौती करेगा। वही यूरोपीय संघ अगले सात महीनों में गैस के उपयोग में 15% की कटौती करने पर सहमति व्यक्त कर चुका है लेकिन देखना होगा, ये संभव है कि नहीं। हालांकि, इस बात पर संदेह है कि यूरोपीय संघ को वैकल्पिक आपूर्ति कहां मिलेगी इसका कोई ठोस विल्कप नहीं निकला है। 

अमेरिका ने क्या कहा?

रूस पर प्रतिबंध के बाद अमेरिका के ऊर्जा सलाहकार केट डौरियन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "अमेरिका और कतर जैसे उत्पादकों की ओर रुख करना होगा, जो टैंकरों में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) भेजेंगे। यूरोप में पर्याप्त एलएनजी टर्मिनल नहीं हैं। ये विशेष रूप से जर्मनी के लिए एक समस्या होगी।

रूस ने कहा कि अब रूबल में मिलेगी गैस 

रूस ने कई यूरोपीय देशों से गैस बेचने का तरीका बदल दिया है। रूस ने स्पष्ट कर दिया है कि अब तेल और गैस हम रूबल में ही बेचेंगे यानी रूस अपनी ही मुद्रा में इसका सौदा करेगा। पोलैंड, बुल्गारिया और फिनलैंड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद रूस ने उनकी आपूर्ति काट दी है। वहीं कई यूरोपीय ऊर्जा कंपनियां रूसी बैंक खातों के माध्यम से गैस के लिए भुगतान कर रही हैं, जो यूरो को रूबल में चेंज करती हैं। इस प्रतिबंध से भारत को काफी फायदा हुआ है। भारत अब पहले के अपेक्षा 7.6 प्रतिशत गैस का खरीदारी कर रहा है।

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