Russia-Ukraine War: क्या दुनिया के लिए खतरा बन सकता है रूस, आखिर ऐसा क्यों सोच रहे हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति?
Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का मानना है कि रूसी अधिकारियों ने परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल के लिए समाज को तैयार करना शुरू कर दिया है।
Highlights
- यह कदम समाज के लिए बेहद खतरनाक है
- इसके बारे में बोलना भी खतरनाक है
- रूस की धमकियों के खिलाफ कार्रवाई की अब जरूरत है
Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का मानना है कि रूसी अधिकारियों ने परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल के लिए समाज को तैयार करना शुरू कर दिया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वे ऐसा कभी नहीं करना चाहते है। कीव में राष्ट्रपति कार्यालय में एक मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में जेलेंस्की ने शुक्रवार को बताया कि रूस द्वारा उठाया गया यह कदम समाज के लिए बेहद खतरनाक है।
इसे बोलना भी है खतरनाक
उन्होंने आगे कहा कि "वे ऐसा करने के लिए कभी तैयार नहीं होंगे लेकिन वे संवाद शुरू करना जरुर चाहेंगे। वे नहीं जानते कि वे इसका इस्तेमाल करेंगे या नहीं। मुझे लगता है कि इसके बारे में बोलना भी खतरनाक है। साक्षात्कार के दौरान, राष्ट्रपति ने रूस पर हमले का आह्वान करने से भी इनकार किया। उन्होंने यह दावा किया है कि उनके पहले बयान का 'गलत अनुवाद' किया गया था। उन्होंने बताया कि "उस अनुवाद के बाद, रूसियों ने चीजों को अपने तरीके से किया, जिस तरह से उनके लिए उपयोगी है और इसे अन्य दिशाओं में पुन: अनुवाद करना शुरू कर दिया।
क्या रूस दुनिया के लिए खतरा?
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि रूस की धमकियों के खिलाफ कार्रवाई की अब जरूरत है, क्योंकि यह विश्व के लिए जोखिम है। उन्होंने दावा किया, यूरोप के सबसे बड़े परमाणु स्टेशन, जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा किया गया। जिसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी संपत्ति में बदलने की। जेलेंस्की ने बताया कि दुनिया रूसी कब्जेदारों की कार्रवाइयों को तत्काल रोक सकती है। उन्होंने कहा कि पुतिन संभावित परमाणु हमले से नहीं बल्कि अपने समुदाय और अपने लोगों से डरते हैं।
क्या पुतिन दुनिया को झांसा दे रहे हैं?
आपको बता दें कि रूसी खुफिया संस्था केजीबी के पूर्व एजेंट ने जोखिम और अस्थिरता का सामना करने का माद्दा दर्शाया है। जासूसी उपग्रहों से सुसज्जित पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के लिए भी यह बताना मुश्किल है कि क्या पुतिन झांसा दे रहे हैं या वास्तव में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से उन्हें गुरेज नहीं होगा। सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने ‘सीबीएस न्यूज’ को बताया, “हमें आज अमेरिकी खुफिया समुदाय में कोई व्यावहारिक सबूत नहीं दिख रहा है कि वह वास्तविक उपयोग के करीब जा रहा है, या फिर सामरिक परमाणु हथियारों के उपयोग करने का एक आसन्न खतरा है।”
रूस क्या लक्ष्य तय कर सकता है?
बर्न्स ने कहा, “हमें इसे गंभीरता से लेने और वास्तविक तैयारियों के संकेत को देखने की जरूरत है।” क्रेमलिन पर नजर रखने वाले आंशिक रूप से इस बात को लेकर भी माथापच्ची कर रहे हैं कि आखिर कैसे परमाणु ताकत यूक्रेन में रूस के सैन्य नुकसान की भरपाई में मदद कर सकती है। यूक्रेनी सैनिक अपनी जमीन पर फिर से कब्जा करने के लिए बड़ी संख्या में टैंकों का उपयोग नहीं कर रहे हैं, और कभी-कभी गांवों के रूप में छोटे स्थानों के लिए लड़ाई होती है। ऐसे में रूसी परमाणु ताकतें विजयी प्रभाव के साथ क्या लक्ष्य तय कर सकती हैं?
पहले दुनिया देख चुकी है परमाणु की तबाही
अमेरिका द्वारा 6 अगस्त और 9 अगस्त, 1945 को परमाणु बमों से जापानी शहरों को नष्ट करने के बाद हिरोशिमा और नागासाकी में मानवीय पीड़ा का भयावह पैमाना, ऐसे हथियारों के दोहराव के खिलाफ एक शक्तिशाली तर्क था। इन हमलों में करीब 2,10,000 लोगों की जान गई थी। विकिरण के दुष्प्रभाव दुनिया ने बरसों बरस देखे। इसके बाद किसी भी देश ने परमाणु हथियार का उपयोग नहीं किया। विश्लेषकों का अनुमान है कि पुतिन के लिये भी यह आसान नहीं होगा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन के बाद परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने वाले पहले नेता बनें। आरएएनडी कॉर्पोरेशन के एक वरिष्ठ नीति शोधकर्ता और अमेरिकी रक्षा विभाग में रूसी सैन्य क्षमताओं के एक पूर्व विश्लेषक, दारा मैसिकोट ने कहा, “रूस में अब भी उस सीमा को पार करना एक वर्जित कदम है।”