कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना प्रतिबंधों को खत्म करने की घोषणा की है। इसमें मास्क पहनने और वर्कफ्रॉम होम, दोनों की अनिवार्यता को खत्म करना भी शामिल है। ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना का पीक आ चुका है। इसलिए वे कोरोना नियमों खासकर लोगों को अपने दफ्तर के लिए घर से काम करने पर जोर नहीं डालेगी।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में साल की शुरुआत यानी जनवरी में कोरोना के रोजाना रिकॉर्ड दो लाख से ज्यादा मामले आ रहे थे। हालांकि, कोरोना के केस अब घटकर आधे से भी कम हो गए हैं। इस बीच, ब्रिटेन के पीएम बारिस जॉनसन ने पहले ही कहा था कि इंग्लैंड में कोरोना महामारी की नई लहर से लड़ने के लिए लगाई गई ज्यादातर पाबंदियां हटा दी जाएंगी।
क्या कहा बोरिस जॉनसन ने
बुधवार को उन्होंने संसद में यह जानकारी दी कि ब्रिटेन में 60 साल से अधिक आयु के 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज लग चुकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन की लहर का पीक आ चुका है। इसलिए उनकी सरकार डेटा के तहत अब प्रतिबंधों को हटाने जा रही है। मास्क पहनने का निर्णय लोगों के विवेक पर छोड़ा गया है। इसके साथ ही जल्द ही स्कूल कक्षाओं में अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की भी पाबंदी नहीं रहेगी।
बोरिस पर कोरोना नियम उल्लंघन के लग चुके है आरोप
बोरिस जॉनसन ने जब कोरोना के सख्त नियमों को सख्ती लागू करने के लिए कहा था, तब उन्हें अपनी ही पार्टी से जूझना पड़ा, क्योंकि कंजर्वेटिव पार्टी के सहयोगियों ने प्रतिबंध को सार्वजनिक स्वतंत्रता पर अंकुश करार दिया था। अब पाबंदियों में ढील को आलोचकों के लिए रियायत के तौर पर देखा जा रहा है, जो इस बात से खासे नाराज हैं कि प्रधानमंत्री और उनके कर्मचारियों ने डाउनिंग स्ट्रीट पर पार्टी का आयोजन करके कोविड नियमों का उल्लंघन किया।
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