Brirain News: ब्रिटेन इस समय राजनीतिक संकट के भंवर में फंसा हुआ है। लिज ट्रस के इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि वे भी दोबारा पीएम बन सकते हैं। उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की। लेकिन अब जॉनसन खुद पीएम पद की रेस से पीछे हट गए हैं। अगले प्रधानमंत्री बनने की प्रतियोगिता से खुद को बाहर करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास पर्याप्त सांसदों का समर्थन है, लेकिन ऋषि सुनक की तुलना में यह कम है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को उन्होंने खुद इस बात की घोषणा की कि वे पीएम नहीं बनेंगे। इस घोषणा के साथ ही ऋषि सुनक इस पद पर जीत के और करीब पहुंच गए हैं। दरअसल, बोरिस जॉनसन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनके पास अगले चरण में बढ़त बनाने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन है। लेकिन वह आगे चल रहे पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक की तुलना में कम है।
प्रभावी ढंग से शासन करने पर जॉनसन ने रखी अपनी बात
जॉनसन ने कहा कि इस बात की बहुत अच्छी संभावना है कि मैं कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के साथ चुनाव में सफल हो जाऊंगा। लेकिन यह करना सही नहीं होगा। जॉनसन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मैं दुख के साथ इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि आप तब तक प्रभावी ढंग से शासन नहीं कर सकते जब तक आपके पास संसद में एक संयुक्त पार्टी न हो।
गौरतलब है कि रिपोर्ट्स में जो दावा कि जा रहा है उसके अनुसार इस बार सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी के 128 सांसद समर्थन कर रहे हैं। जो कि पीएम बनने के लिए न्यूनतम 100 के आंकड़े से काफी ज्यादा है। वहीं बोरिस जॉनसन को अब तक समर्थन देने के लिए 100 सांसद नहीं मिले हैं। इस बीच बोरिस के बयान से ऋषि सुनक की जीत की राह और भी आसान हो गई है।
बोरिस जॉनसन की सरकार में वित्तमंत्री थे ऋषि सुनक
दरअसल, कुछ समय पहले तक जॉनसन सरकार में सुनक वित्त मंत्री के रूप में काम कर रहे थे। बाद में सुनक ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफा देने पर बोरिस जॉनसन काफी नाराज हो गए थे। इसके बाद बोरिस जॉनसन को भी अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा।
ज्यादा दिन नहीं चल पाई लिज ट्रस की सरकार
इसके बाद आया लिज ट्रस का दौर। वे पीएम बनी, लेकिन बदकिस्मती से सिर्फ 45 दिन तक ही वह ब्रिटेन की पीएम रह पाईं। उनकी सरकार नहीं चल पाई। मिनी बजट में आर्थिक फैसलों की वजह से विवादों में आ गईं और 45 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा। अब एक बार फिर नए पीएम को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुनने की कवायद तेज हो गई। इसमें बोरिस जॉनसन और ऋषि सुनक दोनों पीएम पद के लिए जी जान लगा रहे थे, लेकिन सांसदों के समर्थन् का संख्या बल कम होने के कारण अब जॉनसन ने खुद को रेस से हटा लिया और ऋषि सुनक की राह आसान हो गई।
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