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Hindi News विदेश यूरोप रूस का 5वीं बार राष्ट्रपति बनते ही पुतिन ने दी विश्वयुद्ध की चेतावनी, अमेरिका ने रूसी चुनाव का उड़ाया मजाक

रूस का 5वीं बार राष्ट्रपति बनते ही पुतिन ने दी विश्वयुद्ध की चेतावनी, अमेरिका ने रूसी चुनाव का उड़ाया मजाक

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार फिर विश्वयुद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन द्वारा यदि संघर्ष किया गया तो इसका अर्थ यही होगा कि तीसरे विश्व की कगार पर दुनिया खड़ी हो जाएगी।

पुतिन- India TV Hindi Image Source : FILE पुतिन

Vladimir Putin News: रूस में पांचवी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते पुतिन ने हालिया प्रेसिडेंशियल चुनाव में बड़ी जीत हासिल की। एक बार फिर राष्ट्रपति बनते ही पुतिन ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को धमकी दे डाली है। पुतिन ने पश्चिमी देशों को तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन द्वारा यदि संघर्ष किया गया तो इसका अर्थ यही होगा कि तीसरे विश्व की कगार पर दुनिया खड़ी हो जाएगी।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का बयान गंभीर

पुतिन ने दावा किया है कि यूक्रेन से चल रही जंग के बीच अभी भी नाटो के सैनिक यूक्रेन में मौजूद हैं। इससे पहले हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने भी भविष्य में अपने सैनिकों को यूक्रेन में उतारने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। इस बारे में जब पुतिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'आज के आधुनिक दौर में कुछ भी संभव है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो तीसरा विश्वयुद्ध ज्यादा दूर नहीं है।'

फिर राष्ट्रपति चुनाव जीते पुतिन, मिले 87 फीसदी वोट

गौरतलब है कि पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। पुतिन को 87 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं। पोलस्टर पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एक एग्जिट पोल के अनुसार, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए, जो रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है। पहले आधिकारिक नतीजों ने संकेत दिया कि चुनाव सटीक थे।

पुतिन के फिर राष्ट्रपति बनने से पश्चिमी देशों को लगा झटका

अमेरिका और पश्चिमी देशों को पुतिन की ताजपोशी से लगा झटका लगा है। यूक्रेन को लगातार सैन्य और आर्थिक मदद करने वाले पश्चिमी देशों को लग रहा थ कि रूस में पुतिन को लगातार जंग का खामियाजा जनता के गुस्से के रूप में देखना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच अमेरिका ने रूस  में चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्न खड़ा कर दिया। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है।

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