नई दिल्लीः जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने ‘‘निराधार और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी’’ पोस्टर लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आखिर इस तरह के पोस्टर लगाने वाले कौन थे, कौन भारत को विदेशों में बदनाम करने की साजिश रच रहा है?...भारत सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है और रविवार को स्विस राजदूत को तलब करके पूरे मामले में पूछताछ की है। सरकार ने स्विट्जरलैंड के राजदूत से पूछा कि जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने ‘‘निराधार और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी’’ पोस्टर लगाने वाले कौन लोग हैं और इन पर आपकी ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है?
भारत के इस कड़े प्रतिरोध के बाद स्विट्जरलैंड की सरकार हरकत में आ गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत राल्फ हेकनर ने विदेश मंत्रालय (एमईए) को बताया कि वह स्विट्जरलैंड को भारत की चिंताओं के बारे में पूरी गंभीरता के साथ अवगत कराएंगे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के एक सत्र के बीच जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के बाहर कुछ ऐसे पोस्टर लगाये गये थे, जिनमें अल्पसंख्यकों और महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
पोस्टर में क्या लिखा था?
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने लगाए इन भारत विरोधी पोस्टरों में लिखा था कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों और महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। जबकि यह आरोप पूरी तरह से निराधार, मनगढ़ंत और साजिशपूर्ण है। अब भारत सरकार ने स्विस राजदूत से पूछा है कि इसके पीछे कौन लोग थे और किसके इशारे पर ऐसे पोस्टर वहां लगाए गए? हेकनर ने एक बयान में कहा, ‘‘दूतावास ने पूरी गंभीरता के साथ स्विट्जरलैंड को भारत की चिंताओं से अवगत कराया है।’’ संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने पोस्टर का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है। एक सूत्र ने बताया, ‘‘विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ने आज स्विस राजदूत को बुलाया और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र इमारत के सामने निराधार और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी पोस्टर का मुद्दा उठाया।’’ उसने बताया, ‘‘स्विस राजदूत ने कहा कि वह भारत की चिंताओं को पूरी गंभीरता के साथ स्विट्जरलैंड के सामने रखेंगे।’’ राजदूत ने कहा कि ये पोस्टर किसी भी तरह के दावों का समर्थन नहीं करते हैं और न ही स्विस सरकार के पक्ष को दर्शाते हैं।
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