रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध और उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया तनाव व चीन की दक्षिण चीन सागर में बढ़ती दबंगई ने तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। ऐसे में जापान पिछले कुछ वर्षों से लगातार अपने रक्षा बजट को बढ़ाता जा रहा है। इस बार भी जापान ने भारी भरकम रक्षाबजट को मंजूरी दी है। बता दें कि जापान के मंत्रिमंडल ने 2024 के लिए 56 अरब अमेरिकी डॉलर की रक्षा बजट योजना को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 16 प्रतिशत से अधिक है। जापान के रक्षाबजट में इतनी बड़ी बढ़ोत्तरी होने से उत्तर कोरिया से लेकर चीन तक खलबली मच गई है। यही दोनों देश जापान के प्रमुख दुश्मन भी हैं।
उल्लेखनीय है कि मार्च से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 7.95 हजार अरब येन के बजट से उत्तर कोरिया और चीन तक मार करने में सक्षम लंबी दूरी की मिसाइलों की तैनाती में तेजी आएगी और सेना एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान और अन्य अमेरिकी हथियारों के साथ अपनी ताकत को मजबूत कर सकेगी। जापान की सेना अपने सहयोगियों के साथ मिलकर और आक्रमक रुख अपना रही है। जापान का वित्तवर्ष मार्च से शुरू होता है और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सरकार ने पांच साल के सैन्य शक्ति निर्माण कार्यक्रम की घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2024 इस योजना का दूसरा साल होगा। जापान केवल आत्मरक्षा के लिए सैन्य बल की नीति पर चल रहा था जिसे बदलकर अब वह अपनी ताकत को मजबूत कर रहा है।
300 अरब डॉलर से जापान बढ़ाएगा अपनी सैन्य शक्ति
जापान ने अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए 2027 तक 43 हजार अरब येन (300 अरब अमेरिकी डॉलर) खर्च करने की योजना बनाई है। इसी के साथ जापान, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा जो अपनी सेना पर सबसे अधिक खर्च करता है। जापान ने अगले साल के रक्षा बजट में लगभग 734 अरब येन (5.15 अरब अमेरिकी डॉलर) टाइप-12 क्रूज़ मिसाइलों और अमेरिका निर्मित टॉमहॉक्स के साथ-साथ अगली पीढ़ी की लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास के लिए रखा है। जापान 3,000 किलोमीटर (1,864 मील) की रेंज वाली हाइपरसोनिक निर्देशित मिसाइलों के विकास के लिए 80 अरब येन (56.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर) से अधिक खर्च करेगा। (एपी)
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