महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में राजशाही प्रशंसक लंदन में जमा हुए हैं। इसके चलते यहां रेस्टोरेंट और होटलों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस वक्त उच्च मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव के कारण मंदी की कगार पर है। ऐसे वक्त में एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि देने के लिए आने वाले लोग पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन लोगों में कई सुदूर अमेरिका और भारत से आए हैं।
अंतिम संस्कार कार्यक्रम पर रहेगी दुनिया की नजर
भारत से आए कनककांत बेनेडिक्ट ने कहा ‘आप जानते हैं, यह ऐतिहासिक क्षण है। यह जीवन में एक बार होता है। इसलिए हम इस क्षण का हिस्सा बने। वह अपनी पत्नी के साथ आए हैं। ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यक्रमों पर पूरी दुनिया की नजर है।
सोमवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार
बकिंघम पैलेस के पास फूल और स्मृति चिन्ह की दुकानों पर काफी भीड़ है। उनका सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसबीच मध्य लंदन में होटल के कमरों की मांग बढ़ गई है और कुछ मामलों में कीमत दोगुनी हो गई है। लंदन स्थित समूह बुकिंग मंच होटल प्लानर डॉट कॉम के अनुसार 95 प्रतिशत तक कमरे भर चुके हैं। इसी तरह कुछ पर्यटकों ने बताया कि उनके खाने.पीने का खर्च 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद शोकाकुल जनता की मीलों लंबी कतार देखकर ब्रिटिश सरकार ने शुक्रवार को और लोगों को कतार में शामिल होने से रोक दिया। सरकार ने यह कदम महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके भाई बहन के ऐतिहासिक वेस्टमिंस्टर हॉल में पहुंचने से कुछ घंटे पहले उठाया। कतार के बारे में जानकारी देने वाले लाइव ट्रैकर ने कहा कि कतार लंबी हो चली है और अपनी क्षमता तक पहुंच चुकी है तथा लोगों को कतार का हिस्सा होने से छह घंटे के लिए ‘रोक’ दिया गया है, क्योंकि इंतजार की घड़ी 14 घंटे तक बढ़ गयी है और महारानी के दर्शन करने वाली शोकाकुल जनता की कतार पांच मील अर्थात आठ किलोमीटर तक लंबी हो चुकी है।
संसद से लेकर दक्षिण लंदन तक भीड़ ही भीड़
महरानी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह कतार संसद से लेकर दक्षिण लंदन स्थित साउथवार्क पार्क तक और उसके बाद पार्क के चारों ओर घुमावदार स्थिति में पहुंच चुकी है। लंदन की निवासी कैरोलीन क्विल्टी ने कहा कि वह शुक्रवार को चार बजे सुबह कतार में शामिल हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह ऐतिहासिक क्षण है और यदि मैं इसमें शामिल नहीं होती हूं या इसका हिस्सा नहीं बनती हूं तो निश्चित तौर पर मुझे इसका पछतावा होगा।’’ इस बीच, चीनी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को कथित तौर पर संसद के उस ऐतिहासिक हॉल में जाने से रोक दिया गया था, जहां दिवंगत महारानी का ताबूत रखा है।
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