रूसी मिसाइल के कहर से यूक्रेन के टूटे नोवा काखोवका बांध के बाद नीप्रो नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। नदी में भीषण बाढ़ से आसपास के कई इलाके डूबने लगे हैं। हजारों लोगों ने तेजी से पलायन शुरू कर लिया है। बाढ़ की चपेट में आकर मकान, दुकान, पेड़ तक बहने लगे हैं। एक ऐसे ही मकान की छत नीप्रो नदी में बहते देखा जा सकता है। किसी व्यक्ति ने नदी में बहते छत का वीडियो बनाया है। तस्वीरें देखकर रूह कांप जाएगी। नीप्रो नदी में ही नोवा काखोवका बांध बनाया गया था। रूस ने अभी दो दिन पहले ही इस बांध को घातक मिसाइल हमले में रणनीति के तहत उड़ा दिया है। इससे यूक्रेन में खलबली मच गई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब 16 माह बीत चुके हैं। इस दौरान विदेशी हथियार मिलने के बाद यूक्रेन ने युद्ध में जबरदस्त वापसी की है। यही वजह है कि यूक्रेन ने मास्को पर पुतिन को निशाना बनाते हुए दो बार ड्रोन हमले का साहस दिखाया है। यूक्रेन यह जताना चाहता है कि उसे रूस हल्के में न ले, वह जब चाहे तब मास्को तक में तबाही मचाने में सक्षम है। हालांकि दोनों ही ड्रोन हमलों की यूक्रेन ने जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन रूस ने यूक्रेन पर आतंकी हमले का आरोप लगाया था। इधर बखमुत में रूसी सेना के हावी होने के बाद यूक्रेन का हौसला डगमगाने लगा है। मगर वह फिर से रूस पर पलटवार कर रहा है। ताकि रूस उसे कमजोर न समझे। बखमुत में बढ़त बनाने के बाद अब रूस यूक्रेन के अन्य इलाकों पर कब्जा चाहता है। नीप्रो नदी पर बने डैम को उड़ाना रूस की युद्धक रणनीति का बड़ा हिस्सा है। इससे करीब 50 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोग घरों को खाली कर भाग रहे हैं।
डैम के बाद यूक्रेन का जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र भी रूस के निशाने पर
नोवा काखोवका बांध को उड़ाने के बाद अब यूक्रेन का जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र भी रूस के निशाने पर है। यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों ने भी यह रिपोर्ट दी है कि रूस किसी भी वक्त यूरोप के सबसे बड़े इस परमाणु संयंत्र के रिएक्टरों पर हमला कर सकता है। यूक्रेन की इस खुफिया रिपोर्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) भी घबरा गई है। इधर अमेरिका से पश्चिम तक खलबली मची है। इस बीच यूक्रेन में नीप्रो नदी पर बने नोवा काखोवका बांध को उड़ा कर रूस ने अपने खतरनाक इरादों को जाहिर कर दिया है। यूक्रेन से युद्ध जीतने के लिए राष्ट्रपति पुतिन किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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