वैक्सीन ले चुके लोगों को भी क्यों हो जाता है कोरोना वायरस? जोखिम बढ़ाते हैं चार कारक
एक अध्ययन में पाया गया है कि बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों की तुलना में ब्रेकथ्रू संक्रमण वाले लोगों में बुखार होने की संभावना 58 प्रतिशत कम होती है। बल्कि, वैक्सीनेशन के बाद कई लोगों को कोविड-19 होना सिर में ठंड लगने जैसा महसूस होने के रूप में बताया गया है।
नॉर्विच: कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद वैक्सीनेशन के सुरक्षात्मक प्रभाव सबसे ऊंचे स्तर पर होते हैं। दूसरी खुराक लेने के बाद आपका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका होता है। अगर इसके बाद भी आप कोविड-19 की चपेट में आ जाते हैं, तो इसे संक्रमण का आक्रमण यानी ब्रेकथ्रू संक्रमण कहेंगे। यह संक्रमण वैक्सीन नहीं लगाए लोगों में नियमित तौर पर होने वाले कोविड-19 के समान ही होता है लेकिन कुछेक अंतर होते हैं। दोनों वैक्सीन लगवा लेने के बाद आपको किन बातों का ध्यान रखना है, इसे समझते हैं।
कोविड लक्षण अध्ययन के अनुसार, किसी ब्रेकथ्रू संक्रमण के पांच सबसे आम लक्षण सिरदर्द, नाक बहना, छींकना, गले में खराश और गंध की कमी है। इनमें से कुछ ऐसे ही लक्षण वैक्सीन नहीं लगवाए हुए लोगों में भी दिखते हैं। यदि आपको वैक्सीन नहीं लगा है, तो सबसे आम तीन लक्षणों में सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना भी हैं। वैक्सीन नहीं लगवाए लोगों में दो अन्य सबसे आम लक्षण बुखार और लगातार खांसी हैं। कोविड-19 के ये दो विशेष लक्षण वैक्सीनेशन होने के बाद आम नहीं रह जाते हैं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों की तुलना में ब्रेकथ्रू संक्रमण वाले लोगों में बुखार होने की संभावना 58 प्रतिशत कम होती है। बल्कि, वैक्सीनेशन के बाद कई लोगों को कोविड-19 होना सिर में ठंड लगने जैसा महसूस होने के रूप में बताया गया है। किन कारणों से बढ़ता है कोविड-19 का जोखिम? ब्रिटेन में, अनुसंधान में पाया गया कि 0.2 प्रतिशत आबादी - या प्रत्येक 500 में से एक व्यक्ति - पूरी तरह से वैक्सीनेशन के बाद ब्रेकथ्रू संक्रमण का अनुभव करता है। लेकिन हर किसी को एक जैसा खतरा नहीं होता।
वैक्सीनेशन से आप कितनी अच्छी तरह सुरक्षित हैं, इसमें चार चीजें अहम तौर पर शामिल दिखाई देती हैं- वैक्सीन का प्रकार पहला कारण है कि आपको कौन से प्रकार का वैक्सीन लगा है और प्रत्येक प्रकार द्वारा संक्रमण का जोखिम कितना कम होता है। जोखिम में कमी का मतलब है कि कोई वैक्सीन किसी ऐसे व्यक्ति की तुलना में कोविड-19 होने के जोखिम को कितना कम करता है, जिसे वैक्सीन नहीं लगा है।
- वैक्सीनेशन को कितना समय हो चुका है लेकिन ये आंकड़े पूरी तस्वीर नहीं पेश करते। यह तेजी से स्पष्ट होता जा रहा है कि वैक्सीनेशन के बाद का समय भी महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि बूस्टर डोज पर बहस तेजी से बढ़ रही है।
- वायरस के स्वरूप एक अन्य महत्वपूर्ण कारक वायरस का स्वरूप है जिससे आप संक्रमित हुए हैं। ऊपर दिए गए जोखिम में कमी की गणना बड़े पैमाने पर कोरोन वायरस के मूल स्वरूप के खिलाफ वैक्सीन का परीक्षण करके की गई थी। लेकिन वायरस के बदले स्वरूपों पर कुछ वैक्सीन कम प्रभावी पाए गए हैं।
- आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि उपरोक्त आंकड़े किसी आबादी में औसत जोखिम में कमी को दर्शाते हैं। आपका खुद का जोखिम आपकी प्रतिरक्षा के स्तर और अन्य व्यक्ति-विशिष्ट कारकों पर निर्भर करेगा (जैसे कि आप वायरस के संपर्क में कैसे आ सकते हैं, जो आपकी नौकरी से निर्धारित हो सकता है)।
प्रतिरक्षा प्रणाली का सामर्थ्य आमतौर पर उम्र के साथ कम हो जाता है। दीर्घकालिक चिकित्सा स्थितियां भी वैक्सीनेशन के प्रति हमारी प्रतिक्रिया को कमजोर बना सकती हैं। इसलिए वृद्ध लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन से मिली सुरक्षा का स्तर कम हो सकता है या उन्हें मिली सुरक्षा जल्दी से समाप्त हो सकती है। क्या आपको चिंता करने की जरूरत है? वैक्सीन अब भी आपको कोविड-19 होने की आशंका को काफी कम कर देते हैं। वे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से भी काफी हद तक सुरक्षा करते हैं। ब्रेकथ्रू संक्रमणों को देखते हुए, चिंता बढ़ रही है कि यदि वैक्सीन सुरक्षा समय के साथ कमजोर पड़ती है, जैसा संदेह है, तो ऐसे संक्रमण बढ़ सकते हैं।
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