जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज कहा कि सीरिया पिछले साल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सबसे खतरनाक स्थान था और फलस्तीन और यमन जैसे अन्य संघर्षरत क्षेत्रों से भी आगे था। पहली बार संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले दो सालों के दौरान 19 देशों में संघर्षरत क्षेत्रों में स्थ्वास्थ्य सुविधाओं पर हमले तथा स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाकर की गयी हिंसा पर समग्र आंकड़ा पेश किया है।
मेडिकल स्टाफ और अस्पतालों पर दो-तिहाई हमले जानबूझकर किए गए
डब्ल्यूएचओ के आपात जोखिम प्रबंधन के प्रमुख रिक ब्रेन्नान ने संवाददाताओं से कहा, सबसे अधिक चिंताजनक निष्कर्षों में एक यह है कि दो-तिहाई हमले जानबूझकर किए गए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वास्थ्यकर्मियों, बीमार ओर घायल व्यक्तियों पर जानबूझकर किए गए हमले अंतरराष्ट्रीय मानवता कानून का घोर उल्लंघन है और यदि साबित हो जाते तो उन्हें युद्ध अपराध समझा जा सकता है।
पिछले साल 19 देशों में हुए कुल 256 हमले
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 19 देशों में चिकित्सा स्थलों, कर्मियों और एंबुलेंसों को निशाना बनाकर कुल 256 हमले किए गए जिनमें स्वास्थ्य कर्मियों, मरीजों और आसपास खड़े लोगों समेत 434 व्यक्तियों लोगों की जान गयी। इन हमलों में 135 युद्ध प्रभावित सीरिया में हुए जिससे 173 व्यक्तियों की जान चली गयी।
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