संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत बायोटेक Covaxin पर ‘नियमित रूप से और बहुत तेजी से’ तकनीकी समिति को आंकड़े सौंप रहा है, जिसे उम्मीद है कि इसे अगले हफ्ते WHO की अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था उच्च गुणवत्ता वाले टीके विनिर्मित करने वाले भारतीय उद्योग पर विश्वास करती है। Covaxin विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को टीके की आपात उपयोग सूचीबद्धता (EUL) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को रूचि पत्र सौंपा था।
‘भारत बायोटेक तेजी से आंकड़े दे रहा है’
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक हुई, जिसने Covaxin की आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए अंतिम जोखिम-लाभ आकलन करने को लेकर भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा है। WHO में औषधि और स्वास्थ्य उत्पाद तक पहुंच मामलों की सहायक महानिदेशक डॉक्टर मरीयंगेला सिमाओ ने जिनेवा में कहा, ‘भारत बायोटेक नियमित रूप से और बहुत तेजी से आंकड़े सौंप रहा है और उन्होंने आंकड़ों का बैच पिछली बार 18 अक्टूबर को सौंपा था।’ वह कोवैक्सीन को आपात उपयोग सूचीबद्धता प्रदान करने में देर पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
चीनी टीकों को बगैर डेटा के ही मिली मंजूरी
बता दें कि चीनी टीके सिनोफाम और सिनोवैक को डेटा के अभाव में ही मंजूरी दे दी गई। सिमाओ ने कहा कि जब तकनीकी सलाहकार समूह ने 26 अक्टूबर को EUL पर चर्चा के लिए बैठक की थी तब उन्होंने भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे। Covaxin EUL के जोखिम-लाभ आकलन के लिए तकनीकी सलाहकार समूह की अगले बैठक 2 नवंबर को होगी। उन्होंने कहा कि WHO भारत बायोटेक से संपर्क में है और वह प्रतिदिन कॉल व बैठकें कर तकनीकी विशेषज्ञ समूह को सौंपे जाने वाले अतिरिक्त डेटा की जरूरतों को स्पष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह जिक्र करना जरूरी है कि EUL जारी करने में WHO की प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है।
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