संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने भारत में बाल श्रम विधेयक में संशोधन को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि इससे पारिवारिक काम को वैधता मिल सकती है और गरीब परिवारों के बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है। संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम ने बच्चों की सुरक्षा के एक सुदृढ़ मसौदे के लिए विधेयक के कुछ प्रावधानों को हटाने और खतरनाक व्यवसायों की पूरी सूची के साथ एक मजबूत निरीक्षण तंत्र की स्थापना का आग्रह किया है।
यूनिसेफ इंडिया में शिक्षा प्रमुख यूफ्रेटस गोबिना ने कहा, नए बाल श्रम कानून के तहत बाल मजदूरी के कई प्रकार अदृश्य हो सकते हैं और हाशिए पर जीने वाले बच्चों की स्कूली उपस्थिति अनियमित हो सकती है, अध्ययन का स्तर कम हो सकता है और वे स्कूल छोड़ने के लिए विवश हो सकते हैं। गोबिना ने कहा, द्वितीयक पंजीकरण अब भी पिछड़ा हुआ है। खासतौर पर मजदूरी करने वाले बेहद गरीब बच्चों के लिए।
Latest World News