लंदन। ब्रिटेन ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीजों के लिए सोमवार को एक नए एंटीबॉडी उपचार का मानव परीक्षण शुरू किया। सरकार समर्थित इस परीक्षण के तहत लगभग दो हजार रोगियों को प्रयोगशाला में निर्मित एंटीबॉडीज दी जाएंगी और देखा जाएगा कि यह उपचार कितना प्रभावी रहता है। मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जॉर्ज डी यानकूपलस ने कहा, ‘‘विश्व को कोविड-19 से लड़ने के लिए तत्काल नयी दवाओं की आवश्यकता है और नए उपचार विकल्पों के मूल्यांकन के लिए उचित परीक्षण यह समझने में मदद करेंगे कि कौन सा विकल्प सर्वाधिक प्रभावी है।’
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल फिर शुरू
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ब्रिटेन में ट्रायल को बहाल कर दिया गया है। औषधि क्षेत्र के नियामक एमएचआरए द्वारा ट्रायल को महफूज बताए जाने के बाद यह ट्रायल फिर से शुरू कर दिया गया है। पिछले दिनों ट्रायल के दौरान एक मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद इसे रोक दिया गया था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वे चिकित्सा जुड़ी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकते लेकिन यह बात सही है कि स्वतंत्र जांच में ट्रायल को सुरक्षित बताया गया है। एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि एमएचआरए द्वारा ट्रायल को महफूज बताए जाने के बाद एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वैक्सीन एजेड-222 (AZD1222) के ट्रायल को फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
दुनियाभर में इस टीके के ट्रायल को छह सितंबर को रोक दिया गया था और नए सिरे से गाइडलाइन जारी की गई। इस बारे में ब्रिटेन की कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली और एमएचआरए को ब्रिटेन में ट्रायल को शुरू करने के लिए महफूज बताया है। कोरोना वैक्सीन तैयार करने के लिए दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है। पहले और दूसरे दौर के ट्रायल में अच्छे नतीजे मिले हैं। इस वैक्सीन की बदौलत मरीज में मजबूत एंटीबॉडी भी तैयार हुई।
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