जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने सोमवार को मालदीव सरकार से पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में लड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2008-12 में मालदीव के राष्ट्रपति रहे नशीद पर उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद आतंकवाद से संबंधित अपराध में शामिल होने का आरोप लगा था। इसके बाद 2015 में उन्हें 13 साल कारावास की सजा के साथ-साथ उन पर अगले 16 सालों तक राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
समिति ने एक बयान में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने पाया कि नशीद के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही में गंभीर खामियां, अस्पष्ट कानून तथा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकार नियम का उल्लंघन हुआ है।’ समिति की एक सदस्य सारा क्लेवलैंड ने कहा, ‘राजनीतिक अधिकार सिर्फ अपवाद या विशेष परिस्थितियों में छीने जा सकते हैं।’ 4 अप्रैल को आए समिति के निर्णय को सोमवार को सार्वजनिक किया गया। समिति ने मालदीव सरकार से नशीद पर प्रतिबंध को खारिज करने और आवश्यक होने पर नई जांच समिति गठित करने की अपील की।
आपको बता दें कि हिंद महासागर में स्थित यह द्वीपीय देश हाल के वर्षों में सबसे बड़ी राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। कोर्ट के नशीद एवं राजनीतिक विरोधियों को आजाद करने के फैसले के चलते राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में अपातकाल लागू कर दिया था। मालदीव में राजनीतिक संकट के बीच देश के राष्ट्रपति पद के लिए सितंबर में चुनाव होंगे। हालांकि मतदान की तारीखों के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं, देश में आपातकाल लागू करने की वजह से राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन स्व-निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सहित समूचे विपक्ष के निशाने पर हैं।
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