जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैशलेट ने मंगलवार को कहा कि उन्हें अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में बर्बरता से संबंधित पक्की खबरें मिली हैं जिनमें आम लोगों और हथियार डाल चुके सुरक्षाकर्मियों को तत्काल मृत्युदंड दिए जाने तथा महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। उन्होंने मानवाधिकार परिषद से अफगानिस्तान में लोगों के अधिकारों से जुड़ी स्थिति पर निगरानी के लिए ‘साहसिक एवं ठोस कार्रवाई’ करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तालिबान आम लोगों और हथियार डाल चुके सुरक्षाकर्मियों को तत्काल मृत्युदंड दिए जाने समेत कई तरह की बर्बरता कर रहा है।
बैशलेट ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन की खबरों की जांच के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और युद्धग्रस्त देश पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस निर्णायक घड़ी में, अफगानिस्तान के लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार परिषद की ओर देख रहे हैं। अफगानिस्तान में मानवाधिकारों से संबंधित स्थिति पर करीब से नजर रखने के लिए एक समर्पित तंत्र की स्थापना कर मैं परिषद से साहसिक एवं ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करती हूं।’
बैशलेट ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान आम लोगों और हथियार डाल चुके सुरक्षाकर्मियों को तत्काल मृत्युदंड दिए जाने, बाल सैनिकों की भर्ती, महिलाओं के स्वतंत्रता के साथ घूमने और लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगाने जैसे काम कर रहा है तथा शांति से प्रदर्शन करने वालों का दमन किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र को सूचना उपलब्ध कराने वाली नॉर्वे की एक निजी खुफिया एजेंसी ने कुछ दिन पहले कहा था कि तालिबान ने ऐसे लोगों को काली सूची में डाल दिया है जिनके बारे में उसे लगता है कि उन्होंने पूर्वीवर्ती अफगानिस्तान सरकार तथा अमेरिका नीत बलों के लिए काम किया था। डर की वजह से अनेक अफगान लोग छिपे हुए हैं।
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