जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र (UN) एजेंसियों और गैर सरकारी संस्थाओं (NGO) ने रोहिंग्या मानवीय संकट के लिए 2018 संयुक्त रिस्पॉन्स प्लान जारी किया। इसमें करीब 9 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 95.1 करोड़ डॉलर (लगभग 6,200 करोड़ रुपये) की राशि की अपील की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिनेवा में शुक्रवार को यूएन में मीडिया के सामने अपील की घोषणा करते हुए एजेंसियों ने कहा कि इस योजना में म्यांमार के शरणार्थियों को जगह देने वाले 3,30,000 से ज्यादा असुरक्षित बांग्लादेशियों को भी शामिल किया गया है।
रोहिंग्या मानवीय संकट के लिए 2018 अपील शरणार्थियों के लिए यूएन हाई कमिश्नर फिलिपो ग्रांडी, आईओएम महाप्रबंधक विलियम स्वींग और बांग्लादेश में यूएन निवासी समन्वयक मिया सेप्पो द्वारा शुरू की गई है। ग्रांडी ने कहा, ‘हम वास्तव में दोनों पक्षों की तत्काल जरूरतों के बारे में बात कर रहे हैं। जिसमें एक पक्ष बांग्लादेशी समुदायों का है जिसने खुले दिल से अपने दरवाजे खोल दिए और दूसरा पक्ष देश से निकाला गया और शरणार्थी आबादी का है। यह संकट दुनिया का सबसे अधिकारहीन कर देने वाला था।’
उन्होंने कहा, ‘म्यांमार में फैले संकट के समाधान और शर्ते लागू की जानी चाहिए, जिसमें शरणार्थियों को उनके घर वापस जाने की मंजूरी शामिल हो। लेकिन आज तत्काल जरूरत के साथ मदद की अपील कर रहे हैं और यह जरूरतें बड़ी हैं।’ यूएन एजेंसियों ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी आबादी को प्रतिदिन 1.6 करोड़ लीटर से ज्यादा स्वच्छ जल, प्रत्येक माह 12,200 मीट्रिक टन खाद्य पदार्थ और कम से कम 1,80,000 रोहिंग्या परिवारों को खाना पकाने वाले ईंधन की जरूरत है।
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