लंदन: लंदन में आतंकी हमलों के बाद बदली राजनीतिक फिजा में ब्रिटेन कल होने वाले आम चुनाव के लिए तैयार हो रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में ब्रिटेन में स्थिति लगातार बदली है और आतंकी हमले प्रमुख मुद्दा बन गए हैं। गत 18 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था तो उस वक्त उनकी लोकप्रियता चरम पर थी और ब्रेग्जिट की प्रक्रिया शुरू करने के बाद उनकी पार्टी ने विपक्षी लेबर पार्टी पर दोहरे अंकों में बढ़त हासिल कर ली थी। (हुआ खुलासा, कतर संकट पैदा करने के लिए रूसी हैकर्स ने चली थी चाल)
हाल के सप्ताहों में कंजरवेटिव नेता टेरेसा की लोकप्रियता का ग्राफ गिरता नजर आया है क्योंकि राजनीतिक विमर्श यूरोपीय संघ की सदस्यता से हटकर स्थानीय नीति और सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री के अपने रिकॉर्ड की तरफ चला गया है। टेरेसा ने कल मतदाताओं से आग्रह किया, ब्रिटेन का नेतृत्व करने के लिए मुझे समर्थन दीजिए, मुझे ब्रिटेन के लिए बोलने का अधिकार दीजिए, मेरे हाथ मजबूत कीजिए।
ब्रेग्जिट की प्रक्रिया 19 जून से आरंभ होनी है और ऐसे में टेरेसा को उम्मीद है कि यूके इंडिपेंडेंट पार्टी के समर्थकों का बड़ा हिस्सा उनको समर्थन देगा तथा वह लेबर पार्टी से भी कुछ सीटें छीनेंगी। सरवेशन नामक समूह की ओर से कल प्रकाशित सर्वेक्षण में कहा गया कि कंजरवेटिव पार्टी को 41.6 फीसदी और लेबर पार्टी को 40.4 फीसदी लोगों का समर्थन मिलता नजर आ रहा है। एक समय दोनों पार्टियों के बीच 20 फीसदी का फासला था जो अब घटकर महज एक फीसदी तक रह गया है।
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