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ब्रिटेन सितंबर से कोविड बूस्टर डोज लगाने की तैयारी में

कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्‍सीन को सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है लेकिन वहीं कोराना वायरस का बदलता वैरिएंट दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा रहा है। 

UK prepares to offer Covid booster shots from September: Reports- India TV Hindi Image Source : AP कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्‍सीन को सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है।

लंदन: कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्‍सीन को सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है लेकिन वहीं कोराना वायरस का बदलता वैरिएंट दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने पहले ही कह दिया है कि कोरोना वायरस का बदलता वेरिएंट बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए ज्‍यादा खतरनाक साबित हो सकता है। यही कारण है कि WHO ने कहा है कि ऐसे लोगों को अगले कुछ सालों तक बूस्‍टर डोज लेने की जरूरत है। 

इस बीच ब्रिटेन सरकार कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकी अपनी संवेदनशील आबादी को सितंबर से बूस्टर डोज लगाने की तैयारी कर रही है ताकि सर्दियां आने से पहले कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा बरकरार रखी जा सकें। 

बीबीसी की खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने कोविड वैक्सीन बूस्टर कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल मंत्री साजिद जावेद ने कहा कि मंत्री सितंबर से कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए एनएचएस के साथ काम कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पहला कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान देश में आजादी बहाल कर रहा है और हमारा बूस्टर कार्यक्रम इस आजादी की रक्षा करेगा।’’ एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वैक्सीनेशन पर संयुक्त समिति की सलाह के बाद योजना की रूपरेखा तय की गयी और वार्षिक फ्लू वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के साथ ही इसकी शुरुआत होगी।

संयुक्त समिति से मिली अंतरिम सलाह यह है कि बूस्टर से कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी और सर्दियां आने से पहले कोरोना वायरस के लिहाज से संवेदनशील लोगों की संक्रमण के नए वेरिएंट से रक्षा करने में मदद मिलेगी। 

वैक्सीन विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील तीन करोड़ से अधिक लोगों को तीसरी खुराक लेनी चाहिए। इसमें 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोग शामिल होंगे। ऐसा माना जाता है कि ये वैक्सीन कम से कम छह महीने तक लोगों की गंभीर रूप से बीमार पड़ने से सुरक्षा करेंगे लेकिन अभी तक इस पर पर्याप्त आंकड़ें नहीं आए है कि इन वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता कब तक रहेगी। 

सरकार ने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि कौन-सा वैक्सीन लगाया जाएगा। इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है कि क्या वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने का अभियान चलाना आवश्यक है लेकिन अधिकारियों ने सलाह दी है कि एहतियातन तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।

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