लंदन: वर्ष 2011 में जन अभियान के बाद ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किये जाने से बचा लिए गए एक श्रीलंकाई को 21 साल की एक महिला पर यौन हमला करने के जुर्म में ढाई साल की कैद की सजा सुनायी गयी है। एस. सुगंथन ने वर्ष 2014 में ब्रिस्टल में एक रैन बसेरे में 21 साल की एक महिला का यौन उत्पीड़न किया था। द सन की खबर के अनुसार दो बच्चों के बाप सुंगथन :31: को ब्रिस्टल कोर्ट में इसी हफ्ते सुनवाई का सामना करना पड़ा और उसने कल यौन हमला करने का अपना गुनाह कबूल किया।
न्यायाधीश मार्टिन पिक्टन ने सुंगथन से कहा कि इस घटना ने पीडि़ता पर विनाशकारी असर डाला। उन्होंने कहा कि पीडि़ता ने शाम में तुमसे स्पष्ट कर दिया था कि उसे तुममें कोई दिलचस्पी नहीं है और उसे यौन संपर्क में कोई रूचि नहीं थी। न्यायाधीश ने कहा, मैं मानता हूं कि तुम अपने जीवन में भयावह अनुभव से गुजरे। यह निश्चित ही तुम्हारे चरित्र का दूसरा पक्ष है जो इस रात की तुम्हारी गंदी हरकत से कहीं ज्यादा विश्वसनीय जान पड़ती है।
सुंगथन की भारतीय मूल की वकील अंजलि गोहिल ने अदालत को अपने मुवक्किल की भयावह पृष्ठभूमि में बारे में बताया था जिसे तस्करी के माध्यम से श्रीलंका से भारत और अफ्रीका लाया गया और वह अंतत: 1999 मंे ब्रिटिश तट पर पहुंचा।
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