लंदन: ब्रिटेन में हुए मध्यावधि चुनाव में प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कंजर्वेटिव पार्टी को शुक्रवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब वह संसद में अपनी पार्टी का बहुमत बरकरार रखने में नाकाम रहीं। इससे ब्रेग्जिट वार्ता से पहले अनिश्चितता की नई स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी 650 सदस्यीय संसद में सर्वाधिक मत हासिल करने वाली पार्टी के तौर पर उभरी है। कंजर्वेटिव पार्टी को 318 और लेबर पार्टी को 261 सीटें मिली हैं। चुनाव जीतने के लिए किसी भी पार्टी को कुल 326 सीटें हासिल करने की आवश्यकता है। अभी 1 सीट पर नतीजे का ऐलान किया जाना बाकी है।
टेरीजा ने दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड की अपनी मैडनहेड सीट पर भले ही 37,780 मतों से जीत हासिल कर ली लेकिन संसद में बहुमत खोने के बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। परिणाम की अंतिम घोषणा से पहले टेरीजा ने कहा कि ब्रिटेन को स्थिरता की आवश्यकता है। टेरीजा ने त्रिशंकु संसद संबंधी एग्जिट पोल की संभावनाओं को स्वीकार करने और बड़ी जीत हासिल करने की उनकी उम्मीदों के धराशायी होने की बात से सहमत होने का संकेत देते हुए कहा, ‘कंजर्वेटिव पार्टी सबसे अधिक मत हासिल करने की राह पर है और स्थिरता मुहैया कराना हमारा कर्तव्य होगा।’
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने टेरीजा मे को जाने के लिए कहा ताकि उनकी पार्टी के लिए राह बन सके। उन्होंने कहा, ‘राजनीति बदल गई है और लोग कह रहे हैं कि अब बहुत हो चुका। मुझे परिणाम पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने चुनाव कराए क्योंकि वह जनादेश चाहती थीं और जनादेश यह है कि उन्होंने सीटें गंवा दी हैं।’ कोर्बिन ने पहले भी ट्विटर पर दावा किया था कि लेबर पार्टी ने ब्रितानी राजनीति का चेहरा बदल दिया है।
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