लंदन: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका ब्रिटिश हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। पंजाब नेशनल बैंक के 14000 रुपये के धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी ने लंदन हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इस तरह वह प्रत्यर्पण रोकने संबंधी अपील के पहले चरण में अपनी लड़ाई हार गया है और अब उसके पास मौखिक सुनवाई के वास्ते नए सिरे से अपील दायर करने के लिए केवल पांच दिन का समय है। बता दें कि ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था जो धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में वांछित है।
ब्रिटिश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के समक्ष नीरव की अपील यह दस्तावेजी निर्णय करने से संबंधित थी कि क्या उसे भारत को प्रत्यर्पित करने संबंधी गृह मंत्री के निर्णय या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के फरवरी के आदेश के खिलाफ अपील का कोई आधार है।
हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि अपील की अनुमति मंगलवार को दस्तावेज में खारिज कर दी गई और अब 50 वर्षीय कारोबारी के पास हाईकोर्ट में संक्षिप्त मौखिक सुनवाई के वास्ते नए सिरे से अपील का आवेदन दायर करने का मौका बचा है जिसपर न्यायाधीश यह निर्णय कर सकते हैं कि क्या मामले में पूर्ण अपील सुनवाई की जा सकती है।
कानूनी दिशा-निर्देशों के अनुसार नीरव मोदी के पास अपीलकर्ता के रूप में मौखिक सुनवाई के वास्ते आवेदन करने के लिए पांच कामकाजी दिन बचे हैं जो अगले सप्ताह तक का समय है। उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं। सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था। घोटाले के बाद भारत से भागने वाला नीरव मोदी इस समय लंदन की एक जेल में बंद है।
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