लंदन: टोनी ब्लेयर और ब्रिटेन के दूसरे अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों को अपनी निजी यात्राओं के दौरान ब्रिटिश दूतावासों में मुफ्त में ठहरने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। समाचार पत्र द टेलीग्राफ के अनुसार विदेश विभाग ने कहा कि वह सरकारी कर्मचारियों और संसाधनों को अनुचित उपयोग रोकना चाहती है तथा विदेश में इस धारणा से बचना चाहती है कि ये हस्तियां ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश विभाग ने ब्रिटिश राजदूतों को निर्देश दिया कि वे पूर्व मंत्रियों को निजी कारोबारी दौरों पर मदद नहीं करें। पूर्व मंत्री उसी स्थिति में दूतावास और उसके कर्मचारियों का उपयोग कर सकेंगे जब वे आधिकारिक दौरे पर होंगे।
ब्रिटिश सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया जब एक रिपोर्ट में कहा गया कि टोनी ब्लेयर साल 2007 में प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से करोड़ों पाउंड बनाए, लेकिन फ्रांस और अमेरिका में ब्रिटिश दूतावासों में मुफ्त में रूके।
अखबार ने पहले खबर दी थी कि मनीला में दो संबोधनों के लिए ब्लेयर को चार लाख पाउंड की रकम मिली, लेकिन वह ब्रिटिश राजदूत के आधिकारिक आवास पर ठहरे। इसी तरह जब वह निजी दौरे पर लीबिया के शासक मुअम्मर गद्दाफी से मिलने के लिए त्रिपोली पहुंचे थे तो भी ब्रिटिश दूतावास में रूके थे। वह भी उनका निजी दौरा था।
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