बर्न: स्वट्जरलैंड ने काला धन मामलों में प्रशासनिक सहायता पर बहुपक्षीय समझौते को मंजूरी दे दी है। इससे भारत एवं अन्य देशों के साथ कर सूचना के स्वत: आदान-प्रदान का रास्ता साफ हो गया है। अवैध धन प्रवाह तथा बैंकों में गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक अभियान की दिशा में यह एक उल्लेखनीय कदम है। काले धन पर लगाम लगाने के इरादे से भारत स्विट्जरलैंड समेत विभिन्न देशों से कर सूचना मांगता रहा है।
स्विस सरकार ने आज कहा कि उसने कर मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में एक और कदम उठाया है और प्रशासनिक सहायता पर बहुपक्षीय समझौते को मंजूरी दे दी है। एक विज्ञप्ति के अनुसार 'मल्टीलेटरल कनवेंशन आन म्यूचुअल एडमिनिस्ट्रेटिव एसिसटेंस इन टैक्स मैटर्स' (एडमिनिस्ट्रेटिव एसिसटेंस कनवेंशन) को दी गई मंजूरी से जुड़े दस्तावेज पेरिस स्थित ओईसीडी को सौंपा गया।
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने वैश्विक कर मानक निर्धारित किया है और समझौते को उसने तैयार किया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके साथ स्विट्जरलैंड कराधान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहा है. स्विट्जरलैंड एक जनवरी 2017 से समझौते का क्रियान्वयन करेगा।
यह कर मामलों में समझौते के नियमों के अनुरूप कर मामलों में सूचना के आदान-प्रदान के लिए लागू होगा। ओईसीडी और काउंसिल आफ यूरोप कनवेंशन कर संबंधी सहयोग के लिए एक कानूनी मसौदा उपलब्ध कराता है। अबतक 100 से अधिक क्षेत्रों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
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