बर्न: जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर भारत को घेरने में जुटा है। पाकिस्तान को इसमें कुछ खास सफलता तो नहीं मिल पाई है, भारत जरूर एक-एक करके आतंकवाद के खिलाफ विभिन्न देशों का समर्थन जुटाता जा रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्विट्जरलैंड के प्रेजिडेंट यूली मौरेर के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में भारत को राज्य प्रायोजित आतंकवाद का पीड़ित बताया, जिसके बात स्विस राष्ट्रपति ने भारत को समर्थन की बात कही।
‘आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविंद ने कहा कि भारत दशकों से राज्य प्रायोजित आतंकवाद का पीड़ित रहा है, जिसके बाद स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपना समर्थन जताया। राष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि कोविंद और मौरेर के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती है।
स्विट्जरलैंड ने जताया भरपूर समर्थन कोविंद ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए स्विट्जरलैंड के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि भारत दशकों से राज्य प्रायोजित आतंकवाद का पीड़ित रहा है। सचिवालय ने कहा, ‘स्विट्जरलैंड ने सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने में अपना समर्थन व्यक्त किया।’ भारत और स्विट्जरलैंड ने आर्थिक एवं तकनीकी संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
कारोबार को लेकर भी हुई बात दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं तकनीकी गठबंधन और लुसाने विश्वविद्यालय में हिंदी पीठ के नवीनीकरण के संबंध में 3 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद कोविंद ने भारत-स्विट्जरलैंड व्यापार गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एवं स्विट्जरलैंड के स्टार्टअप को गठजोड़ करना चाहिए, ताकि वे एक-दूसरे की मदद कर सकें।
आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया गए थे राष्ट्रपति आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की तीन राष्ट्रों की यात्रा के दूसरे चरण में कोविंद ने कहा कि स्विट्जरलैंड अत्याधुनिक तकनीक का गढ़ है और भारत विश्वस्तरीय मानव पूंजी पैदा कर रहा है। इस तरह ‘दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं’।
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