हिममानव को लेकर सदियों से चले आ रहे मिथकों को वैज्ञानिकों ने तार-तार कर दिया है। हिममानवों के बारे में सदियों से कहा जाता है कि वह उन जगहों पर रहते हैं जहां इंसानों का जाना मुमकिन नहीं है। लेकिन हालिया रिपोर्ट नें इस बात का खुलासा हुआ है कि येती नाम से जाना जाने वाला यह हिममानव असल में भालू है। कॉलेज ऑफ आर्ट्स ऐंड साइंसेज में असोसिएट प्रेफेसर कार्लोट लिंक्विस्ट ने कहा, 'स्टडी से इशारा मिलता है कि मिथकीय येती से जुड़े जैविक आधार स्थानीय भालूओं में पाए जा सकते हैं।' (सीरिया को मदद पहुंचाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और रूस के बीच हुआ विवाद)
इससे पहले भी कई बार येती के मिथकों को खारिज किया जा चुका है।, लेकिन इस बार किसीजीव के हड्डी, दांत, बाल और खाल जैसी चीजों के मिलने से जेनेटिक सबूतों के आधार पर मिथक को खारिज किया गया है। येती के वैज्ञानिक जांच के बाद दावा किया गया कि ये 23 भालूओं के अवशेष हैं।
लिंक्विस्ट का कहना है कि, 'ब्राउन भालू तिब्बती इलाके में काफी ऊंचाई पर घूमते पाए जाते हैं और पश्चिमी हिमालय के पर्वतों पर पाए जाने वाले ब्राउन भालूओं की दो अलग-अलग नस्ल पाई जाती है। करीब 6 लाख 50 हजार साल पहले दो अलग-अलग प्रजातियों से एक नई प्रजाति बनी।' उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा, 'भले ही उनकी मौजूदगी का कोई सबूत नहीं हैं लेकिन वह रहते हैं इसे खारिज करना पूरी तरह नामुमकिन है।'
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