दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनके शरीर के कई हिस्सों पर लकवा मार गया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज जारी रखी। हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में अहम भूमिका निभाई थी। स्टीफन हॉकिंग ने वातावरण में लगातार होने वाले बदलावों को लेकर चेतावनी दी थी। (वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन, न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारी से थे पीड़ित )
हॉकिंग ने कहा था कि, बदलती जलवायु को देखते हुए खुद को बचाए रखने के लिए मनुष्य को दूसरी धरती ढूंढ़ लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि 100 साल बाद पृथ्वी पर लोगों का रहना मुश्किल हो जाएगा। बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री एक्पेडिशन न्यू अर्थ में हॉकिंग और उनके छात्र क्रिस्टोफ गलफर्ड ने इस बात की पड़ताल की है कि बाहरी दुनिया में मनपष्य किस प्रकार से रह सकता है। इस डॉक्यूमेंट्री में हॉकिंग ने दावा किया है कि धरती पर रहने का समय खत्म होता जा रहा है। जिंदा रहने के लिए इंसान को अपने लिए दूसरे ग्रहों को तलाशना पड़ेगा। यह डॉक्यूमेंटरी बीबीसी के विज्ञान आधारित शो टूमारोज वर्ल्ड का हिस्सा है। द टेलीग्राफ के अनुसार शो में लोगों से ब्रिटेन के महान अविष्कारों के बारे में पूछा जाएगा। इसमें लोगों से यह पूछा जाएगा कि किस अविष्कार ने उनके जीवन को सर्वाधिक प्रभावित किया।
हॉकिंग ने यह भी चेतावनी दी थी कि तकनीकी विकास के साथ मिलकर मनुष्य की आक्रामक प्रवृत्ति घातक हो सकती है। यह प्रवृत्ति परमाणु या जैव युद्ध के जरिये सब कुछ नष्ट होने का कारण बन सकती है। उनका कहना था कि ऐसी आशंकाओं से बचने के लिए वैश्विक सरकार की आवश्यकता होगी। हॉकिंग का मानना है कि मनुष्य बतौर प्रजाति जीवित रहने की योग्यता खो सकता है।
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