अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता है: जी-7 के नेता
संयुक्त बयान में यह संकेत दिया गया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से निकालने की समय सीमा टूट सकती है। जॉनसन ने कहा कि जी-7 के सदस्यों की शर्त है कि तालिबान को यह गारंटी देनी होगी कि जो लोग समय सीमा के बाद देश से निकलना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित निकासी दी जाए।
लंदन: ‘जी-7’ समूह के नेताओं ने मंगलवार को डिजिटल तरीके से आपातकालीन बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि अफगानिस्तान से विदेशियों और अफगान भागीदारों की सुरक्षित निकासी तत्काल प्राथमिकता बनी हुई है। जी-7 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वार्ता के बाद संवाददाताओं से कहा कि नेताओं ने तालिबान के साथ भविष्य में भागीदारी के लिए एक ‘खाके’ पर सहमति व्यक्त की।
संयुक्त बयान में यह संकेत दिया गया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से निकालने की समय सीमा टूट सकती है। जॉनसन ने कहा कि जी-7 के सदस्यों की शर्त है कि तालिबान को यह गारंटी देनी होगी कि जो लोग समय सीमा के बाद देश से निकलना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित निकासी दी जाए।
बता दें कि, ‘जी-7’ समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। जॉनसन, फ्रांस और जर्मनी के साथ, तालिबान के साथ समय सीमा के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह कर सकते हैं।
हालांकि, अमेरिकी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि बाइडन महीने के अंत तक वापसी पर दृढ़ हैं। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘अभी हमारी प्राथमिकता हमारे नागरिकों और पिछले 20 वर्षों के दौरान सहयोग करने वाले अफगान नागरिकों को सुरक्षित निकालने का रास्ता तैयार करना है।’’
अफगानिस्तान को अराजक हाल में छोड़कर अमेरिकी वापसी की पुतिन ने आलोचना की
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान को अराजकता वाले हाल में छोड़ने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की आलोचना की है। क्रेमलिन पार्टी, यूनाइटेड रूस की बैठक को संबोधित करते हुए मंगलवार को पुतिन ने कहा कि आतंकवादी उथल-पुथल हालात का इस्तेमाल अफगानिस्तान की सीमा से लगे पूर्ववर्ती सोवियत संघ के मध्य एशियाई देशों को अस्थिर करने के लिए कर सकते हैं।
पुतिन ने कहा, ‘‘एक खतरा है कि अफगानिस्तान में शरण पाने वाले आतंकवादी और विभिन्न समूह हमारे पश्चिमी सहयोगियों द्वारा पैदा की गयी अराजकता का इस्तेमाल करेंगे और पड़ोसी देशों में विस्तार करने की कोशिश करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश और उसके सहयोगियों के लिए सीधा खतरा पैदा करेगा।’’ इसके साथ ही, पुतिन ने कहा कि रूस ने अफगानिस्तान में 10 साल के सोवियत युद्ध से सबक सीख लिया है और वह अफगानिस्तान में उथल-पुथल से दूर रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में संभावित वृद्धि और विस्थापन की समस्याओं का बढ़ना भी रूस के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
बाइडन ने अफगानिस्तान से निकासी की समयसीमा नहीं बढ़ाने का फैसला किया
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी अफगान नागरिकों की निकासी के लिये तय 31 अगस्त की समयसीमा को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। एक प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बाइडन ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ चर्चा के बाद यह फैसला लिया है। समयसीमा खत्म होने के बाद बलों के अफगानिस्तान में रहने पर होने वाले खतरों को भांपते हुए उन्होंने निकासी मिशन को अगले मंगलवार तक पूरा करने का विकल्प चुना है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण से बहुत पहले खुद बाइडन ने ही यह समयसीमा तय की थी।
अधिकारी ने बताया कि बाइडन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा दल से समय सीमा थोड़ी बढ़ाने की जरूरत पड़ने की सूरत में आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिये कहा है तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका समूह समयसीमा में विस्तार को स्वीकार नहीं करेगा। इससे पहले, पेंटागन में रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने तालिबान के प्रवक्ता द्वारा 31 अगस्त की समयसीमा पर दिए गए बयान देखे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है, हम सब उस विचार को समझते हैं। हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना है। हालांकि, हमें खुशी है कि हम कल अधिक संख्या में लोगों को निकाल पाए लेकिन इस पर हम रुकने वाले नहीं हैं। हमारा ध्यान इस पर केंद्रित है कि महीने के अंत तक हम कितना अच्छा कर लेते हैं।”