लंदन: ब्रिटिश पुलिस ने पूर्व रूसी जासूस पर हमले की जांच के सिलसिले में सेना की मदद मांगी है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना ने ब्रिटिश पुलिस की मदद के लिए सैनिकों को भेज दिया है। इस बीच, इस बात को लेकर शुक्रवार को अटकलें तेज हो गईं कि अगर कोई सरकारी पद पर बैठा व्यक्ति इस घटना के लिए जिम्मेदार निकला तो लंदन इस मामले से कैसे निपटेगा। पुलिस ने दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के शहर सलीसबर्ग में सरजेई स्करीपाल के घर के चारों तरफ घेराबंदी करके सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी घर में वह और उनकी बेटी युलिया रविवार को अचेत अवस्था में मिले थे।
अब ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे पर अपराधियों को खोजकर उन्हें सजा दिलाने का दबाव बढ रहा है। अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि 66 साल के स्करीपाल के खिलाफ जिस रासायनिक पदार्थ का प्रयोग किया गया उसका स्रोत क्या है। स्करीपाल वर्ष 2010 में जासूसों की अदला-बदली के तहत ब्रिटेन आए थे। नेताओं का आरोप है कि यह हमला रूस के हमले को साबित करता है। रूस की संभावित संलिप्तता को लेकर सवालों के जवाब में टेरीजा ने कहा, ‘अगर कार्रवाई की जरूरत पड़ी तो सरकार ऐसा करेगी।’
रूस ने बताया दुष्प्रचार:
वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पूर्व जासूस पर हमला मामले में अपने देश के हाथ होने की खबरों को दुष्प्रचार बताया है। इथियोपिया की राजधानी अदिस अबाबा के दौरे के दौरान लावरोव ने कहा, ‘इस ग्रह पर, हमारे पश्चिमी सहयोगी के मुताबिक हर गलत चीज के लिए वे हमारे खिलाफ आरोप लगाते हैं। यह पूरी तरह दुष्प्रचार है और यह तनाव बढ़ाने का प्रयास है।’
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