मॉस्को: सीरिया में हाल ही में रूसी सैन्य ठिकानों पर हुए ड्रोन से हमलों के प्रयास की निंदा करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यह हमला उकसावे की एक ऐसी कार्रवाई है जिसका मकसद रूस, तुर्की और ईरान के बीच हुए पिछले समझौतों को नष्ट करना और संबंधों को खराब करना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने गुरुवार को रूसी प्रिंट मीडिया और न्यूज एजेंसियों के प्रमुखों के साथ मुलाकात के दौरान कहा, ‘हम जानते हैं कि वे कौन हैं, इस भड़काने वाली कार्रवाई के लिए किसने किसको कितना भुगतान किया। इस तरह की घटनाएं पिछले समझौतों को नष्ट करने के उद्देश्य से उकसावे के तौर पर अंजाम दी गई हैं।’
आतंकवादियों ने शनिवार को सीरिया में रूस के मेमिम और टारटस सैन्य अड्डों पर 13 ड्रोन से हमले किए थे, जिन्हें रूसी सेना ने या नष्ट कर दिया या पकड़ लिया। पुतिन ने कहा कि ड्रोन हमला तुर्की और ईरान के साथ रूस के संबंधों को खराब करने के मकसद से किया गया था, जो सीरिया में संघर्षविराम की गारंटी देने वाले प्रमुख देश हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तुर्क, जो सीरियाई प्रांत इदलिब को नियंत्रित करते हैं और जहां से ड्रोन भेजे गए थे, इस हमले में नहीं शामिल थे। राष्ट्रपति के मुताबिक, ऊपर से ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि यह ड्रोन कामचलाऊ किस्म के हैं, जबकि उनमें उच्च तकनीक के उपकरणों को शामिल किया गया था।
पुतिन ने कहा, ‘जहां तक इन हमलों का सवाल है, इसमें कोई शक नहीं कि यह पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिए गए। हम जानते हैं कि कब और कहां ये ड्रोन आतंकवादियों को सौंपे गए और वहां कितने लोग थे। इन्हें ऐसा दिखाया गया मानो यह घर में बने हों लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि इनमें उच्च-तकनीक वाले उपकरण इस्तेमाल हुए।’ पुतिन ने कहा कि रूस ने सीरिया में सैन्य अड्डों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए हैं।
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