मास्को (रूस): रूस में कल दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्च होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए 12 अगस्त की तारीख तय की है। रूस की कोराना वैक्सीन इस्तेमाल के लिए रजिस्टर हो गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि वैक्सीन इस्तेमाल के लिए तैयार है, वह रजिस्टर हो गई है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को वैक्सीन दी जा चुकी है।
यह दुनिया की पहली प्रमाणिक कोरोना वैक्सीन है। क्योंकि, अभी तक कोई भी देश वैक्सीन बनाने में सफल नहीं हो पाया है। हालांकि, कई देश कोरोना वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। लेकिन, रूस ने इस वैक्सीन की दौड़ में बड़ी सफलता हासिल की है। पुतिन ने कहा कि वैक्सीन परीक्षणों के दौरान कुशल साबित हुई है, जो कोरोनो वायरस स्थायी बचाव प्रदान करती है।
पुतिन ने जोर दिया कि टीका आवश्यक परीक्षणों से गुजरता है। उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियों में से एक को वैक्सीन का एक शॉट मिला है और वह अच्छा महसूस कर रही है। वहीं, रूसी अधिकारियों ने कहा है कि चिकित्सा कर्मचारी और शिक्षक को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा। वहीं, इसके अलावा रूस ने कई दूसरे देशों की भी वैक्सीन देने की बात कही है। ऐसे देशों में फिलीपींस शामिल है।
रूस ने फिलीपींस को कोरोना वैक्सीन देने का ऑफर दे रखा है। ऐसे में फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने यह ऑफर स्वीकार करते हुए सबसे पहले खुद को टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की थी। रूस के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने के लिए उन्होंने ऐसी इच्छा जाहिर की।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, दुतेर्ते ने सोमवार को कहा, "जब वैक्सीन आएगी तो मैं खुद को खुलेआम इंजेक्श्न लगवाना चाहता हूं। मुझपर सबसे पहले परीक्षण कीजिएगा, मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है।" दुतेर्ते ने कहा कि मनीला (फिलीपींस की राजधानी) इस टीके के क्लिनिकल ट्रायल में रूस की मदद कर सकती है।
बता दें कि मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को आधार बनाकर वैक्सीन तैयार की है। रिसर्च और मैनुफैक्चरिंग में शामिल कई लोग इस वैक्सीन की डोज ले चुके हैं। कुछ लोगों को इस वैक्सीन की डोज से बुखार भी आ सकता है, ऐसे स्थिति में पैरासिटामॉल के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्सीन में जो पार्टिकल्स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते।
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