लंदन: ब्रिटेन और अमेरिका ने आज चेताया कि रूस सरकार द्वारा प्रायोजित हैकर , राउटर्स एवं फायरवाल्स जैसे सरकारी एवं व्यापारिक कंप्यूटर नेटवर्क के महत्वपूर्ण हार्डवेयर को निशाना बना रहे हैं जिससे उन्हें डेटा प्रवाह पर एक तरह से नियंत्रण मिल रहा है। दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस अभियान का लक्ष्य ‘‘ जासूसी में मदद करना , बौद्धिक संपदा चुराना , पीड़ित नेटवर्क तक लगातार पहुंच बनाए रखना और संभवत : भविष्य में चलाए जाने वाले दूसरे साइबर अपराध अभियानों की नींव रखना है। ’’ (पाकिस्तान को सताया कठुआ रेप मामला, ब्रिटिश संसद में उठाया मुद्दा)
बयान में कहा गया , ‘‘ किसी नेटवर्क के बुनियादी ढांचे पर नियंत्रण रखने वाला असल में नेटवर्क के जरिए गुजरने वाले डेटा पर नियंत्रण रखता है। ’’ अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने कहा कि हैकिंग ‘ ग्रिजली स्टेपे ’ का हिस्सा है। इस अभियान में मॉस्को की असैन्य एवं सैन्य खुफिया एजेंसियों के सामंजस्य से किए जाने वाले साइबर हमले शामिल हैं।
राउटर हैकिंग अभियान के तहत सरकार एवं निजी सेक्टर समूहों दोनों को और साथ ही नेटवर्क संबंधी बुनियादी ढांचा प्रदाताओं एवं उनके इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निशाना गया। घोषणा से पहले एक अभूतपूर्व संयुक्त अलर्ट जारी कर कहा गया था कि पश्चिमी देशों की सरकारें रूस के एक मौजूदा बहुमुखी हैकिंग एवं ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियान से लड़ने के लिए करीबी सहयोग कर रही हैं।
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