मॉस्को: रूस के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी से जुड़े मामले को लेकर यूरोपीय संघ देश पर नई पाबंदी लगाता है तो वह EU से अपना संबंध तोड़ लेगा। यूरोपीय संघ के साथ औपचारिक संबंध बनाए रखने संबंधी एक सवाल पर विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस अलग-थलग नहीं पड़ना चाहता लेकिन अगर EU ने रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कदम उठाया तो देश जवाबी फैसले के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘अगर फिर से ऐसा हुआ और हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों पर पाबंदी लगाई गई तो यह कदम उठाए जाएंगे।’
‘हम अलग-थलग नहीं पड़ना चाहते, लेकिन...’
रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग नहीं पड़ना चाहते लेकिन हम उसके लिए तैयार हैं। अगर आप शांति चाहते हैं तो आपको युद्ध के लिए तैयार रहना पड़ता है।’ उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक संबंधों की महत्ता पर भी जोर दिया। लावरोव ने कहा कि रूस आपसी सहयोग के क्षेत्रों में भागीदारी जारी रखेगा, लेकिन यह भी जोड़ा कि रूस हर स्थिति का सामना करने को तैयार है और वह अपने संसाधनों पर निर्भरता बढ़ा रहा है।
‘रूस प्रतिकूल कदम उठाने की तैयारी करेगा’
राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस, ईयू के साथ सामान्य संबंध बहाल रखना चाहता है लेकिन अगर समूह कड़े कदम उठाता है तो इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। पेसकोव ने कहा, ‘अगर हमें किसी ऐसे कदमों का सामना करना पड़ा, जिससे हमारी आधारभूत संरचना, हमारे हितों को नुकसान पहुंचेगा तो रूस प्रतिकूल कदम उठाने के लिए तैयारी करेगा। हमें आत्मनिर्भर होना होगा। हमें रणनीतिक क्षेत्रों में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और सभी तरह के कदम के लिए तैयारी करनी होगी।’
रूस और EU के संबंधों में पैदा हुआ तनाव
नवलनी की गिरफ्तारी के बाद रूस और यूरोपीय संघ (EU) के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। पिछले सप्ताह मॉस्को की एक अदालत ने परिवीक्षाधीन अवधि की शर्तें तोड़ने के लिए नवलनी को 2 साल 8 महीने जेल की सजा सुनाई थी। ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने पिछले सप्ताह रूस का दौरा करने के बाद कहा था कि नवलनी को सजा सुनाए जाने के मद्देनजर रूस को लेकर 27 देशों का समूह कड़ा रुख अपनाएगा और नई पाबंदी लगाई जाएगी।
11 हजार से ज्यादा लोग हिरासत में
बोरेल ने लावरोव से मुलाकात की थी, वहीं मॉस्को ने नवलनी के समर्थन में प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले जर्मनी, पोलैंड और स्वीडन के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। जवाब में यूरोपीय संघ के तीनों देशों ने रूस के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। नवलनी की गिरफ्तारी के बाद देश में पिछले कुछ वर्षों में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ और हजारों लोग सड़कों पर उतरे। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए देश में 11,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस से नवलनी को रिहा करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई बंद करने को कहा है।
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