मोस्को: रूस इस वर्ष घरेलू स्तर पर एक्सपेरिमेंटल कोरोना वायरस वैक्सीन की 30 मिलियन खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है, जिसमें 170 मिलियन विदेशों में निर्माण करने की क्षमता है। न्यूज एजेंसी रायटर ने इसकी जानकारी दी। कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर रूस से भी आई है। रशिया के डिफेंस मिनिस्टर ने वैक्सीन को लेकर बुधवार को कहा था कि उनके साइंटिस्ट्स ने कोरोना की एक सेफ वैक्सीन बना ली है।
डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक जिन 18 लोगों पर इसका ट्रायल किया गया, उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और उनपर वैक्सीन का कोई बुरा प्रभाव भी नहीं दिखा। इस वैक्सीन की वजह से इम्यून सिस्टम मजबूत हुआ, एंटीबॉडीज भी डेवलप हुए, इसकी वजह से कोरोना वायरस से बचाव होगा।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि जुलाई के आखिर तक सभी क्लीनिकल ट्रायल पूरे हो जाएंगे। इस वैक्सीन का सेचेनोव यूनिवर्सिटी में ट्रायल किया गया, लेकिन यहां पर ये बताना भी जरूरी है कि इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल का पहला स्टेज ही कम्पलीट हुआ है, अभी दो और स्टेज बाकी हैं।
दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर जितने ट्रायल चल रहे हैं उन सभी की डिटेल यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की वेबसाइट पर मौजूद है। इस वेबसाइट में भी यही कहा गया है कि ये वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के फर्स्ट स्टेज में है। रूस के अलावा चीन में भी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर पहुंच चुकी है जबकि इंग्लैंड में भी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर पहुंचने वाली है।
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