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Hindi News विदेश यूरोप धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं रोहिंग्या मुसलमानों के बच्चे: UNICEF

धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं रोहिंग्या मुसलमानों के बच्चे: UNICEF

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन बच्चों का यौन उत्पीड़न हो सकता है और इसके अलावा इनसे बाल मजदूरी भी कराई जा सकती है...

Rohingya Children | AP Photo- India TV Hindi Rohingya Children | AP Photo

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, म्यांमार में हिंसा के बाद पलायन करने वाले करीब 6 लाख रोहिंग्या मुसलमानों में से अधिकांश बच्चे हैं। ये बच्चे पड़ोसी देश बांग्लादेश में भीड़भाड़ वाले, मलिन और गंदे शरणार्थी शिविरों में धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं और गम्भीर कुपोषण का शिकार हैं। बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन बच्चों पर संक्रमण से होने वाली बीमारियों का भी गम्भीर खतरा है।

यूनिसेफ अधिकारी और 'आउटकास्ट एंड डेस्पेरेट : रोहिंग्या रिफ्यूजी चिल्ड्रेन फेस एक पेरिलियस फ्यूचर' नाम की इस रिपोर्ट के लेखक साइमन इंग्राम के मुताबिक, ‘इस स्थान की जो हालत है, उसके आधार पर रोहिंग्या इसे धरती पर नरक के रूप में देख रहे होंगे।’ रिपोर्ट में कहा गया कि एक अनुमान के मुताबिक 5 साल की उम्र तक के प्रत्येक 5 बच्चों में से एक बच्चा गम्भीर कुपोषण का शिकार है और करीब 14,500 कुपोषण की बेहद गम्भीर स्थिति में हैं। इंग्राम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इन बच्चों को सबसे अधिक खतरा कॉलरा, मिसेल्स और पोलियो जैसी संक्रामक बीमारियों से है क्योंकि इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं किया गया है। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं और इससे स्थिति और भी गम्भीर हो सकती है। साथ ही इन बच्चों का यौन उत्पीड़न हो सकता है और इसके अलावा इनसे बाल मजदूरी भी कराई जा सकती है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंटोनी लेक ने एक बयान में बताया, ‘बांग्लादेश में कई रोहिंग्या शरणार्थियों ने म्यांमार में अत्याचार देखा है जैसा किसी भी बच्चे ने अभी तक नहीं देखा था और सभी को भारी नुकसान हुआ है।’

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