जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कोरोना वायरस वैक्सीन की बड़ी आपूर्ति वाले अमीर देशों से वर्ष के अंत तक बूस्टर डोज देने से परहेज करने का आह्वान किया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रयिसस ने बुधवार को यह भी कहा कि वह दवा निर्माताओं के एक प्रमुख संघ की टिप्पणियों पर हैरान हैं, जिन्होंने कहा है कि वैक्सीन की आपूर्ति इतनी अधिक है कि उन देशों में बूस्टर डोज और वैक्सीनेशन दोनों की अनुमति दी जा सकती है, जिन्हें वैक्सीन की सख्त जरूरत तो है, लेकिन वे इनकी कमी का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मैं वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति को नियंत्रित करने वाली कंपनियों और देशों की इस भावना पर चुप नहीं रहूंगा कि दुनिया के गरीब देशों को बची हुई खुराकों से संतुष्टि करनी चाहिये।'' टेड्रोस ने पहले सितंबर के अंत तक बूस्टर डोज देने से परहेज करने का आह्वान किया था, लेकिन अमेरिका और अन्य देश डोज देना शुरू कर चुके हैं या संवेदनशील लोगों को डोज देने की योजना पर विचार कर रहे हैं।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। यहां मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां कोरोना से बचने के लिए अब जनता को बूस्टर डोज दिया जा रहा है। अब हालात ये हैं कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फाइजर-बायोएनटेक के बूस्टर डोज लगाने का काम तेजी से शुरू किया गया है। इजरायल में एक लाख वैक्सीन हर रोज लग रहे हैं। इनमें अधिकांश ऐसे लोग हैं, जो वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद अब बूस्टर डोज ले रहे हैं। यहां बच्चों में भी तेजी से संक्रमण फैल रहा है।
अमेरिका में अब तक 53 फीसद लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। इनमें से 62 फीसद लोगों को वैक्सीन की एक खुराक ही लगी है। एयरफोर्स 1 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ यात्रा कर रहे पत्रकारों को व्हाइट हाउस की प्रेस प्रवक्ता जेन साकी ने बताया कि बाइडन प्रशासन महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए नए तरीके से योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के साथ ही प्राइवेट क्षेत्र की भी मदद ली जा रही है।
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