सोफिया: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके बुल्गारियाई समकक्ष रूमेन रादेव के बीच हुई बातचीत में भारत और बुल्गारिया ने बुधवार को असैन्य परमाणु सहयोग सहित चार विषयों से जुड़े समझौतों पर दस्तखत किए। कोविंद ने बुल्गारिया को रक्षा क्षेत्र में भारत का प्रमुख साझेदार बनने के लिए भी आमंत्रित किया। बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में कोविंद ने कहा, ‘‘हम अपनी आर्थिक साझेदारी ठोस तरीके से उन्नत करने पर सहमत हुए। यह ऐसा होगा जिसमें हमारे मजबूत राजनीतिक संबंधों की गहराई की वास्तविक झलक मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि भारत और बुल्गारिया के संबंधों की जड़ें इतिहास में गहरी हैं और इसकी ठोस आधारशिला पर दोनों देशों ने ‘‘साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता पर आधारित समकालीन साझेदारी’’ कायम की है। कोविंद यूरोप के तीन देशों की अपनी आठ दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को साइप्रस से यहां पहुंचे। उनकी यात्रा का मकसद इन यूरोपीय देशों से भारत के उच्च-स्तरीय संबंधों को मजबूत करना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति ने रादेव से विस्तृत वार्ता की। बाद में दोनों नेताओं की मौजूदगी में अधिकारियों ने निवेश, पर्यटन, असैन्य परमाणु सहयोग एवं सोफिया यूनिवर्सिटी में हिंदी पीठ की स्थापना से जुड़े कुल चार समझौतों पर दस्तखत किए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने के लिए एक सहयोग कार्यक्रम पर भी दस्तखत किए गए। कोविंद ने कहा, ‘‘असैन्य परमाणु सहयोग के समझौते से परमाणु संरक्षा एवं अनुसंधान सहित परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर सहयोग कायम हो सकेगा।’’
प्रवक्ता ने कहा कि कोविंद ने बुल्गारिया को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र, आईटी क्षेत्र में भारत का प्रमुख साझेदार बनने के लिए भी आमंत्रित किया। बुल्गारिया उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य देश है जिसका स्वदेशी रक्षा उद्योग काफी बड़ा है। बीती रात कोविंद ने बुल्गारिया में रहने वाले भारतीय समुदाय को दोनों देशों के बीच का ‘‘पुल’’ करार दिया और भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में इस समुदाय की भागीदारी का स्वागत किया। यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत की नीति में एक ‘‘नया उत्साह’’ है।
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