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जब सैंडविच बैग ने बचाई नवजात बच्ची की जान, जानिए पूरा मामला

लंदन: इसे कुदरत का करिश्मा कहें या डॉक्टरों की मेहनत। ब्रिटेन में डॉक्टरों ने बड़ी ही सूझबूझ से जुगाड़ तकनीक अपनाकर प्री मैच्योर बेबी की जिंदगी बचा ली। दरअसल 20 हफ्ते के गर्भ के बाद

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लंदन: इसे कुदरत का करिश्मा कहें या डॉक्टरों की मेहनत। ब्रिटेन में डॉक्टरों ने बड़ी ही सूझबूझ से जुगाड़ तकनीक अपनाकर प्री मैच्योर बेबी की जिंदगी बचा ली। दरअसल 20 हफ्ते के गर्भ के बाद बेबी की ग्रोथ रुक गई थी। उस तक गर्भनाल के जरिए भोजन नहीं पहुंच पा रहा था। अगले 8 सप्ताह में उसका वजन सिर्फ 20 ग्राम ही बढ़ा। इसलिए डॉक्टर ने सीजेरियन कर बच्ची की डिलीवरी कराई। उस समय उसका वजन सिर्फ 498 ग्राम था।

हाइपोथर्मिया से पीड़ित थी बच्ची

बच्ची हाइपोथर्मिया से पीड़ित थी और उसके एक घंटे से ज्यादा बचने की उम्मीद नहीं थी। ऐसे में डॉक्टरों ने सूझबूझ से काम लिया। उसके शरीर का तापमान सामान्य करने के लिए उसे प्लास्टिक के सैंडविच बैग में रखा गया। क्योंकि वह इतनी छोटी थी कि उसे आईसीयू में नहीं रखा जा सकता था। 3 माह तक इक्युबेटर में उसे इंफेक्शन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ऑपरेशन से गुजरना पड़ा।

स्वस्थ है बच्ची और मां

5 माह की बच्ची अब बिल्कुल स्वस्थ है। अब उसका वजन 3.4 किलो है। मम्मी-पापा अब उसे घर ले गए हैं।

रंग लाई डॉक्टरों की मेहनत

बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टरों ने बहुत मेहनत की। 3 महीने तक उसे इक्युबेटर में इंफेक्शन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। डॉक्टरो ने बताया कि प्री मैच्योर बेबी के सरवाइव करने का यह रेयर केस है। उसके बचने की उम्मीद 9% थी।

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