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रूस में भारतीय कला-संस्कृति पर अधिक अनुसंधान की जरूरत :प्रणब मुखर्जी

मास्को: भारतीय संस्कृति के बारे में रूस में बेहतर समझ का प्रसार करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को रूस के इंडोलॉजिस्टों (भारतीय उपमहाद्वीप की कला-संस्कृति के अनुसंधानकर्ता) की सराहना की और कहा

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मास्को: भारतीय संस्कृति के बारे में रूस में बेहतर समझ का प्रसार करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को रूस के इंडोलॉजिस्टों (भारतीय उपमहाद्वीप की कला-संस्कृति के अनुसंधानकर्ता) की सराहना की और कहा कि युवा पीढ़ी को कला-संस्कृति अनुसंधान को अपनाने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार अपनी पांच दिवसीय रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुखर्जी ने रविवार को रूस के प्रमुख इंडोलॉजिस्टों से मुलाकात की और उनके काम की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा कि इनके कार्यो से पता चलता है कि वे हमेशा से भारत के इतिहास, संस्कृति, विरासत, राजनीति और कला से जुड़े रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, "भारत रूस में भारतीय संस्कृति की बेहतर समझ विकसित करने के लिए उनके कार्यो की सराहना करता है। साथ ही युवा पीढ़ी को इंडोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना भी बेहद जरूरी है।"

राष्ट्रपति मुखर्जी ने साथ ही घोषणा की कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) विदेशों में भारतीय उपमहाद्वीप की कला-संस्कृति के अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वार्षिक आधार पर अवार्ड प्रदान करेगा।

आईसीसीआर रूस में संस्कृत और इंडोलॉजी पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा।

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