पोलैंड में एक पत्रिका के कवर को लेकर काफ़ी विवाद हो गया है। कवर पर एक गोरी महिला की तस्वीर है जिसे सांवले पुरुष परेशान कर रहे हैं और इसका शीर्षक है 'यूरोप का इस्लामिक बलात्कार।'
नेटवर्क नाम की पत्रिका दक्षिण विचारधारा वाली है। सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है। उग्रवाद विरोधी ग्रुप होप नॉट हेट ने कहा कि ये कवर इस्लाम को लेकर चल रहे पूर्वाग्रह को हवा देता है। अति दक्षिणपंथी मानदंड के तहत भी ये स्तब्ध करने वाला है। ये शरणार्थियों, इस्लाम और बलात्कार को जोड़ने का फूहड़ प्रयास है।
इस ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा, "पूरे यूरोप में मुसलमानों के ख़िलाफ़ पूर्वाग्रह को हवा दी जा रही है और दक्षिणपंथी अन्य लोगों के प्रति तथाकथित चिंता की ओट में नफ़रत फ़ैला रहे हैं।"
आपको बता दें कि नये साल पर जर्मन शहर कोलोन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हुई थीं जिससे यूरोप स्तब्ध रह गया था। इन घटनाओं के बाद शरण देने का विरोध करने वाले नेताओं अपनी मुहिम और तेज़ कर दी है।
पोलैंड उन मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों में से एक है जो शरण देने के ख़िलाफ़ हैं। हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और चैक गणराज्य ने सोमवार को मिश्र के साथ सीमा बंद करने और शरणार्थियों को रोकने पर विचार बैठक की।
पत्रिका के संपादकीय में लिखा गया है: "मीडिया और बेल्जियम के संभ्रांत यूरोपीय संघ के नागरिकों से क्या छुपा रहे हैं।". संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि इस्लाम और पश्चिमी दोशों के बीच पिछली 14 सदियों से जंग छिड़ी हुई है और अब दुनियां पुराने यूरोप के देशों की दो सभ्यताओं में टकराव देख रही है।"
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